यह दास्तां दो दोस्तों की है जिनके पास ना तो दिल्ली का आधार कार्ड था… और ना ही राशन कार्ड। ऐसे में सरकार की तरफ से मिलने वाली तमाम सुविधाओं से भी इन दोनों को वंचित ही रहना पड़ता। रेल और पब्लिक ट्रांसपोर्ट तो पहले ही बंद हो चुके थे तो इन दो दोस्तों ने अपने घर वापसी के लिए अपने रिक्शे को ही अपना साथी बना डाला और निकल पड़े साढ़े बारह सौ किलोमीटर की लंबी और कठिन यात्रा पर…
जैसा कि आप जानते हैं कि कोरोना वायरस के संक्रमण को रोकने के लिए पूरे देश में लॉकडाउन हुआ है… इस स्थित में मजदूरों और कामगारों की तो जैसे दुनिया ही उजड़ गई… दिल्ली-एनसीआर में फंसे ऐसे कई मजदूर अब रिक्शे के जरिए ही सैकड़ों किलोमीटर लंबा सफर तय कर अपने गांव पहुंच रहे हैं।
यह दास्तां है बिहार के रहने वाले लालू और धनंजय… दो जांबाजों की। दरअसल, इन दोनों ने दिल्ली से खगड़िया तक का 1250 किलोमीटर का सफर रिक्शे से ही तय करने की ठान ली है। सूत्रों से मिली जानकारी के अनुसार इन दोनों जवानों ने 5 दिनों तक रिक्शे का पैडल मारा और 900 किलोमीटर की यात्रा तय कर ली है। अब इन्हें अपने गांव पहुंचने के लिए अभी और 350 किलोमीटर की दूरी तय करनी है।
लालू प्रसाद यादव और धनंजय यादव दोनों रिश्ते में चाचा-भतीजे हैं और बिहार के खगड़िया के रहने वाले हैं। दोनों चाचा-भतीजा दिल्ली में रहकर रिक्शा चलाया करते हैं लेकिन लॉकडाउन होने के बाद देश की राजधानी में जब जनजीवन बेहाल हो गया तो इन दोनों के सामने मुश्किलों का पहाड़ खड़ा हो गया और ऐसे में इन दोनों के पास घर वापसी के अलावा कोई रास्ता नहीं था।
कौशलेन्द्र पाण्डेय,