लॉक डाउन में फंसे झारखण्ड और बिहार के मजदूरो के साथ अपराधियो ने मारपीट कर मोबाइल और पैसे छीन लिए
धनबाद झरिया के जोड़ापोखर थाना अंतर्गत दिल्ली की IGS इंडियन जिओ टेक्निकल सर्विस कम्पनी में कार्य करने वाले 4 मजदूर 16 मार्च को जोड़ापोखर छेत्र अंतर्गत जामाडोबा डुमरी नम्बर 3 में पहुँचे थे . ये सभी मजदूर बोरिंग का काम करते है ।
17 मार्च को सभी मजदूर अपने काम पर लग गए काम शुरू होते ही टाटा कंपनी के सिक्यूरिटी गार्ड ने टाटा कंपनी की जमीन का हवाला देते हुए बोरिंग का काम रुकवा दिया ।
बोरिंग का काम करने वाले कंपनी ये इंतजार में थे कि दूसरी जगह मिलने पर दुबारा काम शुरू किया जाएगा ।
लेकिन इस बार मजदूरों की किस्मत खराब थी ।
22 मार्च को कोरोना वायरस के दहसत के कारण झारखण्ड में लॉक डाउन की घोषणा हो गई
इसी बीच 24 मार्च को प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने रात के 12 बजे से पूरे देश मे सम्पूर्ण रूप से 21 दिन के लिए लॉक डाउन की घोषणा कर दी ।
इस घोषणा से मजदूरों में दहसत का माहौल बन गया ये मजदूर अब इस सोच में पड़ गए कि 21 दिन कैसे गुजारा होगा ।
हमारी टीम IGS के मजदूरों से मिलने जामाडोबा पहुँचे ।
ये सभी मजदूर गोड्डा और बांका के है ।
मीडिया को देखते ही मजदूरों के आंखों से आँसू छलक गए
मजदूरों ने अपनी आप बीती मीडिया को बताई
मजदूरों की माने तो 25 मार्च की सुबह करीब 3 से 4 के बीच कुछ अपराधी हत्यार के बल पर टेंट में घुस गए और 2 मोबाइल ,कपड़े और पैसे छीन लिए यही नही अपराधियो ने सभी के साथ मारपीट भी की ।
सुबह घटना की जानकारी पास के लोगो को मिली कुछ ने मजदूरों को संतावना दिया कि अगर खाने पीने की दिक्कत होगी तो हमलोग है ।इसके साथ एक युवक ने मजदूरों को थाना जाने की शलाह दी मजदूर उस युवक की बात मानकर उसके साथ जोड़ापोखर थाना चले गए ।
पुलिस ने मजदूरों को अस्वासन दिया कि अगर खाने की दिक्कत होगी तो थाने चले आना
पुलिस की इस अस्वासन से मजदूर सोच में पड़ गए ।
अब ये सभी मजदूर प्रतिदिन पल पल दहसत के साये में जी रहे है
मजदूरों ने कहा छिनतई के बाद से भी प्रतिदिन रात में अपराधी आते है और मारपीट कर खर्चे मांगते है या गांजा पिलाने को कहते है ना बोलने पर जान से मारने की धमकी देते है ।
साथ ही मजदूरो ने यह भी कहा कि अब तो पास में इलाज के पैसे भी नही है , इस लॉक डाउन के कारण घर भी नही जा सकते है और ना ही किसी प्रकार की मदद ही मिल रही है ।
इस कम्पनी का सुपरवाइजर अलाउद्दीन कटिहार का रहने वाला है जो फिलहाल धनबाद में रहता है वो कभी कभी खाने की सामग्री के पैसे मजदूरो को भेज देता है ,बन्दी के कारण सुपरवाइजर मजदूरो का हालचाल जानने मजदूरो के पास नही आ पाता है ।
सरकार और जिला प्रसासन से ये मजदूर मदद की लगा रहे है गुहार.
अजित कुमार