चम्पारण: कोविड19 कोरोना वॉयरस से देश ही नहीं पूरा विश्व आतंकित है । मरने वालों की संख्या हजारों में चली गई है । स्पेन, अमेरिका, इटली, चाइना ,सऊदी अरब सहित अन्य देश भी कोरोना वायरस के चपेट में है। भारत में भी कोरोना ने पांव पसारना शुरू कर दिया है।भारत में कोरोना संक्रमित लोगों की संख्या 15 सौ से ऊपर चली गई है। वहीं 35 लोगों की अब तक मौत हो चुकी है। दिल्ली के निजामुद्दीन तबलीगी जमात के मरकज में शामिल लोग देश के विभिन्न क्षेत्र और विदेश से आए लोगों की एक जगह इकट्ठा होने और कोरोना से संक्रमित होकर देश के विभिन्न क्षेत्रों में जाने के बाद कोरोना संक्रमण का फैलाव तेजी से हुआ है। हालांकि बिहार में स्थिति नियंत्रण में है लेकिन सामाजिक संक्रमण के इस दौर में संक्रमण के फैलने का डर है । पूर्वी चंपारण में अब तक कोरोनावायरस से कोई संक्रमित नहीं मिला है लेकिन जिले के नेपाल सीमा को लेकर स्थिति विस्फोटक बनी हुई है। नेपाल में 31 मार्च तक लॉक डाउन था लेकिन इसकी अवधि 8 अप्रैल तक बढ़ा दी गई है जिसके कारण नेपाल के विभिन्न शहरों में मजदूरी एवं अन्य व्यवसाय करने वाले भारतीय मूल के लोग वापस अपने देश और गांव शहर में आने लगे हैं जिसके चलते सीमाई शहर रक्सौल के मैत्री पुल के पास लोगों की भारी भीड़ जुटी हुई है स्थिति को देखते हुए जिलाधिकारी शिर्सत कपिल अशोक एवं पुलिस अधीक्षक नवीन कुमार झा रक्सौल गए और स्थिति की समीक्षा की जिलाधिकारी द्वारा वापस लौट रहे भारतीय लोगों के जांच का निर्देश दिया । सभी के कोरोना वायरस की जांच के बाद ही भारत में प्रवेश देने की बात कही गई साथी लोगों के ठहरने की व्यवस्था का भी निर्देश दिया गया बावजूद इसके स्थिति को विस्फोटक ही कहा जाएगा क्योंकि नेपाल पुलिस द्वारा लॉक डाउन और सीमा सील होने के बाद भी वापस लौट रहे मजदूरों को ग्रामीण रास्तों और पगडंडियों से भारत में प्रवेश कराए जाने की सूचना है। यह स्थिति केवल पूर्वी चंपारण ही नहीं बल्कि नेपाल सीमा से सटे भारत के अन्य जिलों की भी है। पश्चिमी चंपारण मधुबनी सहरसा के साथ ही उत्तर प्रदेश के सीमाई क्षेत्र से भी भारतीय मजदूर अपने घर को लौट रहे हैं। विशेषज्ञों का मानना है कि अगर ऐसे लोगों को बिना जांच के प्रवेश दिया जाएगा तो कोरोना के संक्रमण में तेजी आने की संभावना हो सकती है। ऐसे में नेपाल से आने वाले भारतीय मजदूरों के भोजन आवासन और कोरोना वायरस के जांच को प्राथमिकता से लेनी होगी। सूत्रों की माने तो नेपाल सरकार द्वारा नेपाल चाइना के सीमा को खोल दिया गया है जो चिंताजनक है।
राकेश कुमार /मुख्य संवाददाता