कौशलेन्द्र पाण्डेय /संपादक.
प्रधानमंत्री मोदी का सभी राज्यों के मुख्यमंत्रियों के साथ वीडियो कॉन्फ्रेंस करते समय मुझे लगा की मोदी इस महामारी मे हो रहे राजनीती से नाराज होकर कही अपना हाथ तो नहीं खींच रहे है,
दिल्ली के मुख्यमंत्री केजरीवाल के निजामुद्दीन जमात के साथ वोट के लिये खड़ा होना, और अन्य मुख्यमंत्रीयों का अलग राजनीती स्टेण्ड कही मानवता के लिये खतरा तो नहीं. प्रधानमंत्री का मानवता को बचाने के लिये खड़ा होना और विदेशी डॉ द्वारा मोदी के बारे मे कहना कही दूसरे दल के नेताओं को अखरना मानवता के लिये खतरा है. मानवता बचाने के लिये नेताओं को अपने वोट की चिंता किये बिना मानवता के लिये खड़ा होना होगा.
प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने कहा कि परीक्षण, अनुरेखण, अलगाव और संगरोध अगले कुछ हफ्तों में देश के फोकस क्षेत्र बने रहने चाहिए। सभी राज्यों के मुख्यमंत्रियों के साथ एक वीडियो कॉन्फ्रेंस में प्रधानमंत्री ने आवश्यक चिकित्सा उत्पादों की आपूर्ति बनाए रखने, दवाओं और चिकित्सा उपकरणों के निर्माण के लिए कच्चे माल की उपलब्धता पर भी प्रकाश डाला। प्रधानमंत्री मोदी ने बैठक के दौरान कहा, “एक बार लॉकडाउन समाप्त होने के बाद जनसंख्या का फिर से उभरना सुनिश्चित करने के लिए एक आम निकास रणनीति तैयार करना महत्वपूर्ण है।” केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह, रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह ने बैठक में भाग लिया, मुख्यमंत्रियों ने तालाबंदी का पालन सुनिश्चित करने, सामाजिक गड़बड़ी को बनाए रखने, संदिग्ध मामलों पर नज़र रखने, निजामुद्दीन मरकज़ से उत्पन्न होने वाले संदिग्ध लोगों की पहचान करने और उन्हें रद्द करने के प्रयासों के बारे में विस्तार से बताया। जिसमें सामुदायिक संचरण, चिकित्सा बुनियादी ढांचे को बढ़ावा देना और चिकित्सा कार्यबल को मजबूत करना शामिल है। प्रधानमंत्री ने महाराष्ट्र के सीएम उद्धव ठाकरे के इस सुझाव को भी स्वीकार किया कि धर्मगुरुओं को कोरोनोवायरस के प्रकाश में आने के दिनों में किसी भी सभा को आयोजित करने से बचना चाहिए।
देखना दिलचस्प होगा की देश के कितने मुख्यमंत्री ममता बनर्जी के तरह मानवता बचाने के लिये आगे आते है और देश बचाते है.