पटना 7 अप्रैल 2020 ; राष्ट्रीय जनता दल के प्रदेश प्रवक्ता चित्तरंजन गगन ने उप मुख्यमंत्री सुशील कुमार मोदी सहित भाजपा और जदयू नेताओं को ” कोरोना वायरस ” जैसे अति संवेदनशील मामले पर संयम बरतने और राजनीतिक बयानबाजी से बचने की सलाह दी है , अन्यथा वे जनता के बीच मुँह छुपाने की स्थिति में भी नहीं रहेंगे ।
राजद नेता ने उप मुख्यमंत्री सुशील कुमार मोदी , जदयू प्रवक्ता संजय सिंह और अन्य भाजपा-जदयू नेताओं द्वारा नेता प्रतिपक्ष तेजस्वी प्रसाद यादव सहित विपक्षी दलों के बारे में दिये गये बयान पर तीखी प्रतिक्रिया व्यक्त करते हुए कहा कि उन्हें अपने अन्तर्विरोधों और नाकामियों के लिए अनर्गल बयानबाजी की अपेक्षा खुद उसकी समिक्षा कर अपनी कमजोरियों को दूर करने का प्रयास करना चाहिए ।
राजद नेता ने कहा कि सुशील मोदी जी ने विरोधी दलों पर सहयोग करने के बजाय साधनों की कमी को बढा-चढ़ा कर पेश करने और जनता का मनोबल गिराने का आरोप लगाया है । जबकि सच्चाई यह है कि गत 2 अप्रैल को विडियो कांफ्रेंसिंग के दौरान मुख्यमंत्री नीतीश कुमार जी स्वयं चिकित्सकीय उपकरण की कमी बताकर प्रधानमंत्री जी से मदद की गुहार लगा रहे थे । और सुशील मोदी खुद वहीं मौजूद थे। क्या यह सही नहीं है कि औन रेकाॅर्ड तीन मरीजों की मौत हो गयी और उनका जाँच रिपोर्ट उनके मरने के बाद आया। क्या यह सही नहीं है कि स्वास्थ्य कर्मियों के सुरक्षा कीट के अभाव में कई स्वास्थ्य कर्मी भी संक्रमण के शिकार हो गये और आवश्यक स्वास्थ्य उपकरणों के अभाव को लेकर उनके द्वारा नाराजगी व्यक्त की गई ।
राजद नेता ने कहा कि जदयू के प्रवक्ता दिया लेकर नेता प्रतिपक्ष को खोज रहे थे परन्तु उन्हें शायद इस बात की जानकारी हीं नहीं है कि दीपक और मोमबत्ती जलाने वाले उतने हीं लोग थे जिनकी तस्वीरें मीडिया में आयी है । जबकि पुरे बिहार मे केवल लालटेन हीं लालटेन जल रहा था । भाजपा और जदयू नेताओं को छोड़कर बिहार की जनता तो लालटेन हीं जलाकर कोरोना वायरस के खिलाफ अपनी एकजुटता को प्रदर्शित करने का काम किया है ।
राजद नेता ने भाजपा और जदयू नेताओं को चुनौती देते हुए कहा है कि संकट की इस घड़ी में वे मीडिया के अलावा और कहाँ थे ? लाॅकडाउन की वजह से परेशानी झेल रहे दूसरे राज्यों में रहने वाले बिहारियो अथवा राज्य के अन्दर रोजी- रोटी से जूझ रहे लोगों के लिए उनके द्वारा क्या किया गया ? जबकि लाॅकडाउन की घोषणा होने के साथ हीं नेता प्रतिपक्ष तेजस्वी प्रसाद यादव के नेतृत्व और प्रदेश अध्यक्ष जगदान्द सिंह की देख-रेख में राजद कार्यकर्ता न केवल राज्य के अन्दर बल्कि दूसरे प्रदेशों मे भी फंसे हुए बिहारियों की परेशानियां दूर करने में लग गये। सरकारी घोषणा का लाभ अभी भी कुछ लोगों तक हीं पहुँच पायी है । सरकार को सहयोग करने में भी भाजपा और जदयू के लोग कहीं दिखाई नहीं पड़ रहे हैं । और संगठन के स्तर पर तो सत्ताधारी दलों की भूमिका तो कहीं है हीं नहीं ।
राजद नेता ने भाजपा और जदयू को चुनौती देते हुए कहा है कि वे मात्र दो दर्जन प्रवासी बिहारियो का नाम और राज्य में दो दर्जन गांवों का नाम सार्वजनिक रूप से बता दें जिन्हें इस विपदा के समय इनके द्वारा राहत पहुंचाया गया हो।
शैलेश तिवारी, पोलिटिकल एडिटर