राकेश कुमार/मुख्य संवाददाता.
कोरोना वायरस धीरे-धीरे भारत को अपनी चपेट में लेता जा रहा है। आज भारत में कोरोना संक्रमित लोगों की संख्या 6400 तक पहुंच गई ,वहीं अब तक 199 लोगों की मौत हो चुकी है । शुरुआती दिनों में ऐसा लग रहा था कि भारत कोरोना के संक्रमण और उसके फैलाव को रोक लेगा। लॉक डाउन के बाद कोरोना संक्रमित लोगों का ग्राफ धीरे धीरे बढ़ रहा था लेकिन दिल्ली के तबलीगी जमात के जलसे के बाद वहां के लोगों के संक्रमण के फैला के बाद देश की स्थिति बिगड़ती चली गई और यह आंकड़ा 6400 के पार पहुंच गया है । ऐसे में एक बुरी खबर यह भी आ रही है कि नेपाल के रास्ते कोरोना संक्रमित लोगों को भारत में घुसपैठ करा कर संक्रमण के फैलाव की साजिश रची जा रही है
इस मामले का खुलासा तब हुआ जब 3 अप्रैल को पूर्वी चंपारण के रामगढ़वा स्थित एस एस बी के 47 वीं बटालियन के समादेष्टा ने पश्चिम चंपारण के जिलाधिकारी कुंदन कुमार को एक पत्र लिखकर आशंका जाहिर की कि नेपाल के परसा जिला स्थित शेरवा थाना, पोस्ट जानकी टोला ग्राम जगन्नाथपुर निवासी जालिम मुखिया द्वारा 50-60 लोगों को अवैध रूप से भारत की सीमा में घुसपैठ कराने की साजिश रची जा रही है । यह सभी लोग कोरोना संक्रमित हैं। जालिम मुखिया नेपाल में अवैध सप्लाई तस्करी और कई अपराधिक मामलों में संलिप्त रहा है। इस खुलासे के बाद 6 तारीख को जिलाधिकारी ने बेतिया एसपी, एसडीएम, बीडीओ को इसकी जानकारी देते हुए अग्रतर कार्रवाई करने की का आदेश दिया। तबलीगी जमात के कोरोना संक्रमित लोगों और उनके परिजनों द्वारा ड्यूटी कर रहे डॉक्टरों नर्स के सर्च जिस तरह का व्यवहार किया जा रहा है उससे स्पष्ट है कि जान बूझ कर उनके द्वारा ऐसा दुर्व्यवहार किया जा रहा है। ऐसे में भारत विरोधी ताकतों और कोरोना जिहादियों द्वारा ऐसी साजिश आश्चर्यजनक नहीं है। यहां बता दें कि भारत में कोरोना वायरस के आने की जानकारी के बाद ही भारत और नेपाल की सीमा को सील कर दिया गया था ,लेकिन भारत नेपाल के सैकड़ों किलोमीटर लंबी खुली सीमा है में घुसपैठ को रोकना पुलिस और प्रशासन के लिए बहुत बड़ी चुनौती होगी। हालांकि भारत और नेपाल को जोड़ने वाली तमाम सड़कों पर एसएसबी और पुलिस की पैनी नजर है ,जहां परिंदा भी पर नहीं मार सकता लेकिन खुली सीमा का लाभ लेकर ऐसे घुसपैठियों द्वारा ग्रामीण इलाकों पगडंडियों से होते हुए भारत में प्रवेश करना असंभव नहीं है। ज्ञात हो कि विगत दिनों भारत नेपाल सीमा स्थित रक्सौल के मैत्री पुल के पास सैकड़ों की संख्या में भारतीय मजदूर जो नेपाल में मजदूरों के लिए गए थे लौट कर भारतीय सीमा में प्रवेश की कोशिश कर रहे थे जिन्हें रोका गया था । सूत्रों की माने तो भारतीय सीमा से लगे हुए नेपाल के लगभग दो दर्जन से ज्यादा मस्जिदों में ऐसे लोग पनाह ले रहे हैं जो भारत में प्रवेश करना चाहते हैं। हालांकि इनमें से अधिकतर भारतीय हैं जो विदेशों में काम करने गए थे। लेकिन ऐसे ही लोगों के बीच कोरोना जिहादी भी है , जो कोरोना को फैलाने की साजिश रच रहे हैं। हालांकि इस बाबत जिला प्रशासन द्वारा लोगों से अपील की गई है कि किसी भी तरह की संदिग्ध गतिविधि की जानकारी होते हैं इसकी सूचना प्रशासन को दी जाए ताकि ऐसे गतिविधियों पर रोक लगाई जा सके । एक तरफ शासन प्रशासन अपनी मुस्तैदी की बात कही जा रही है वहीं दूसरी ओर जब इस विषय पर बिहार सरकार के मुख्य अपर सचिव अमीर सुहानी से पूछा गया तो उन्होंने इस मामले पर अनभिज्ञता जाहिर की। यह आश्चर्यजनक ही है कि ऐसे संवेदनशील मामले को बेतिया जिला प्रशासन द्वारा उच्चाधिकारियों व सरकार को क्यों सूचना नही दी गई।