कौशलेन्द्र पाण्डेय /संपादक =कंट्री इनसाइड न्यूज ने लॉकडाउन के दरम्यान यह जानने का प्रयास किया की मोदी सरकार और नीतीश सरकार ने जो तैयारी किया है ओ बिहार सरकार के ईमानदार अफसर और ईमानदार मुखिया से लेकर ब्लॉक कर्मचारी के भेट चढ़ जायेगा इसका कल्पना मैंने अपने पत्रकारिता के 10 वर्षो मे नहीं देखा. एक तरफ कोरोना महामारी को रोकने के लिये मोदी सरकार ने त्वरित निर्णय लेते हूए देश को रोक दिया की इससे महामारी नहीं फैलेगी लेकिन इसको फैलने से नहीं रोका जा सका.
दूसरे तरफ बिहार की हालत पर किसी का ध्यान नहीं रहा, बिहार का दुर्भाग्य है की यहाँ ना तो कल कारखाने है और ना नेताओं मे इतनी ताकत है की बिहार को कृषि प्रधान राज्य बनाया जाये. अगर बिहार क़ृषि प्रधान राज्य बन गया होता तो आज जो हाल बिहारी मजदूरों का है ओ ना होता.
बिहार मे डॉक्टर, शिक्षक, ब्लॉक कर्मचारी सभी कॉन्टेक्ट पर कार्यरत है. फिर कॉन्टेक्ट वाले ना सरकार से डरते है न काम ईमानदारी से करते है.
नीतीश सरकार के लिए सबसे ज्यादा परेशानी आने वाला चुनाव है जिसमे जितने कॉन्टेक्ट कर्मी है सरकार से नाराज है, अफसर अपने आप को सरकार समझ रहे है, अभी लॉकडाउन के बीच भी ग्रामीणों को कठिनाइयों का सामना करना पर रहा है, प्रत्येक ब्लॉक मे ईमानदारी पूर्वक कार्य सम्पादित नहीं हो रहा है.
मुख्यमंत्री नीतीश के पास रहने वाले बड़े पदाधिकारी नीतीश कुमार से बोलने का साहस नहीं कर पाते है, कंट्री इनसाइड न्यूज के माध्यम से आग्रह है की नीतीश कुमार अपने नजरों से गावों का हाल ले वरना सरकार के बिरुद्ध गावों मे बिरोध बढ़ रहा है और बिना चुनाव मे मेहनत किये बिहार मे अगले चुनाव मे तेजस्वी सरकार होगा, यह कंट्री इनसाइड न्यूज की पुर्व भविष्यवाणी है.