मोतिहारी, कोरोना वायरस को लेकर पूरे देश में अब 3 मई तक लॉकडाउन की अवधि बढ़ा दी गई है. इस वजह से दैनिक मजदूरों के सामने भुखमरी जैसी स्थिति उत्पन्न हो गई है. इससे बचने के लिए मजदूर अपने प्रदेश जैसे-तैसे पहुंचने की कोशिश में लगे हुए हैं. इसी क्रम में चंडीगढ़ में लकड़ी का काम करने वाले चार युवक साइकिल से ही मोतिहारी स्थित अपने गांव पहुंचे. मामला संज्ञान में आने के बाद प्रशासन ने थर्मल स्क्रिनिंग कराकर सभी को क्वारंटाइन सेंटर में भेज दिया है.
मोतिहारी पहुंचे युवकों ने बताया कि इन सात दिनों में हम लोग लगातार साइकिल चलाते रहे, सिर्फ हर घंटे पांच से सात मिनट रूक कर आराम कर लेते थे. क्योंकि लगातार बहुत देर तक साइकिल चलाना संभव नहीं था. रात में दो से चार घंटे आराम करते थे. कभी किसी पेट्रोल पंप या फिर बंद दुकानों के बाहर रुक कर लेते थे. साइकिल न रही होती तो हमें मजबूरी में पैदल ही आना पड़ता. चंडीगढ़ से साइकिल चलाकर मोतिहारी के छौड़ादानों पहुंचे युवकों ने बताया कि सात दिन से लगातार साइकिल चलाकर मोतिहारी पहुंचे हैं.
युवकों ने बताया कि रास्ते में लोग जगह-जगह खाने-पीने की चीजें बांट रहे थे. इसलिए खाने की समस्या नहीं आई. हालांकि, हम लोग रास्ते में लगातार बिस्किट खरीद कर खाते रहते थे. चंडीगढ़ से आने के क्रम में हम लोगों का दो जगहों पर स्वास्थ्य जांच और थर्मल स्क्रिनिंग भी की गई. वहीं, जानकारी मिलने पर स्थानीय नोडल पदाधिकारी ने इन युवकों का तुरंत थर्मल स्क्रिनिंग करवाया. युवकों में कोरोना संक्रमण का कोई लक्षण नहीं पाया गया है. इसके बाद चारों युवकों को छौड़ादानों के स्कूल में बने अस्थायी क्वारंटाइन सेंटर में भेज दिया गया. इनमें तीन युवक जिले के छौड़ादानों प्रखंड के महुआवा गांव के रहने वाले हैं, वहीं, एक बनकटवा प्रखंड के पिपरा गांव का निवासी है.
पुष्कर पराग.