जनता दल राष्ट्रवादी ने इस बार कांग्रेस पार्टी को निशाने पर लिया है.जेडीआर का कहना है कि अक्सर कांग्रेसी अंदर से संघी है,जिसका सबूत बीच-बीच में तब मिलता है,जब बड़े कांग्रेसी नेता भाजपा में पवित्र होने चल जाते हैं.पार्टी के राष्ट्रीय संयोजक अशफाक़ रहमान गंभीर सवाल उठाते हैं कि साधु हत्याकांड के बहाने जिस तरह से मीडिया,कुछ चवनिया टाईप पत्रकार,एंकर ने सोनिया गांधी को टार्गेट किया गया.उतनी मज़बूती से कांग्रेस अपने महिला अध्यक्ष के पक्ष में खड़ी नहीं हुई.साधु हत्याकांड के बहाने जिस तरह से मीडिया,कुछ चवनिया टाईप पत्रकार,एंकर ने सोनिया गांधी को टार्गेट किया गया.उतनी मज़बूती से कांग्रेस अपने महिला अध्यक्ष के पक्ष में खड़ी नहीं हुई.जनता दल राष्ट्रवादी पालघर में संतों की निर्मम हत्या का पूरी तरह से भर्त्सना करता है.यह एक तरह से इंसानियत का क़त्ल है.मगर देश की एक बहु,जो 48 बरस से यहां रह रही हैं,भारत की नागरिक हैं,भारतीय संसद की सदस्य रही हैं.मीडिया तंत्र द्वारा उन्हें अपमानित किये जाने का स्पष्ट संदेश है कि यदि देश में पूरी तरह से मनुवादी संस्कृति आ गयी तो यह किस तरह अपने बहु-बेटियों की इज़्ज़त करेंगे?आश्चर्य तो यह है कि स्वंय कांग्रेस इस लड़ाई में कहीं खड़ी नज़र नहीं आयी.अभी कांग्रेस में घर के भेदी लंका ढाये वाली हालत है.मीडिया तंत्र द्वारा उन्हें अपमानित किये जाने का स्पष्ट संदेश है कि यदि देश में पूरी तरह से मनुवादी संस्कृति आ गयी तो यह किस तरह अपने बहु-बेटियों की इज़्ज़त करेंगे.देश इस वक़्त विचारधारा की जंग लड़ रहा है और मनुवादी संस्कृति का विरोध करना हर भारतीय नागरिक का कर्तव्य है.मगर कांग्रेसियों के अंदर कोई और विचारधारा चल रहा है,जो नागपुर से ओतप्रोत है.अस्सी प्रतिशत कांग्रेसी संघ के दोस्त हैं.उनका यह प्यार गाहे-बगाहे छलकता रहता है.उन्हें आहिस्ता-आहिस्ता गंगा स्नान करते देखा जा सकता है.तो वो अपने अध्यक्ष के लिए क्यों खड़ा होंगे.सोनिया के प्रति हमारी पूरी हमदर्दी है मगर हार्ड हिंदुत्व और सॉफ्ट हिंदुत्व में फंसी कांग्रेस की यह दुर्दशा होनी भी चाहिये.
कौशलेन्द्र पाण्डेय, चीफ एडिटर