लॉकडाउन के पालन और डोर टू डोर सर्वे के दौरान सरकारी टीमों पर भीड़ के हमलों के बाद डीजीपी की कड़ी चेतावनी भी बिहार में बेअसर साबित हो रही है। जिले के एक गांव में लॉकडाउन की निगरानी के लिए गई पुलिस के गश्तीदल पर ग्रामीणों ने बड़ा हमला कर एक महिला पुलिसकर्मी सहित सात पुलिस वालों को जारी कर डाला। बिहार के मोतिहारी जिले मेंलॉकडाउन के पालन और डोर टू डोर सर्वे के दौरान सरकारी टीमों पर भीड़ के हमलों के बाद डीजीपी की कड़ी चेतावनी भी बिहार में बेअसर साबित हो रही है। जिले के एक गांव में लॉकडाउन की निगरानी के लिए गई पुलिस के गश्तीदल पर ग्रामीणों ने बड़ा हमला कर एक महिला पुलिसकर्मी सहित सात पुलिस वालों को जख्मी कर डाला। बुधवार को लॉकडाउन का पालन कराने गई पुलिस पर गांव के लोगों ने हमला कर दिया। महिला पुलिसकर्मी समेत पुलिस के जवानों को दौड़ा-दौड़ाकर पीटा गया। महिला समेत सात पुलिसकर्मी घायल हुए हैं। दो को गंभीर चोट लगी है। घटना पकड़ीदयाल के सिसहनी गांव की है। गांव के 20 से अधिक लोगों को गिरफ्तार किया गया है।एक घायल पुलिसकर्मी ने बताया कि हमलोग गश्त पर गए थे। सिसहनी गांव के चौक पर बिना हेलमेट और मास्क पहने बाइक चला रहे एक युवक को रोका था। उसे कहा कि बिना मास्क के घर से नहीं निकलें। इससे महामारी फैलेगी। इसी दौरान बड़ी संख्या में गांव के लोग जुट गए। एक-दो दबंग था, जिसके कहने पर लोग ईंट-पत्थर चलाने लगे। इसी बीच एक लड़का आया और लाठी से मेरे हाथ पर मारा, जिससे मेरा हाथ टूट गया।
पूर्वी चंपारण के एसपी नवीन चंद्र झा ने कहा कि बाइक सवार को हमारे पुलिसकर्मियों द्वारा समझाया जा रहा था। उससे कहा जा रहा था कि लॉकडाउन का उल्लंघन न करें तभी कुछ लोगों द्वारा पुलिस के जवानों पर ईंट, पत्थर और लाठी से हमला कर दिया गया। घायल पुलिसकर्मियों को इलाज के लिए पकड़ीदयाल पीएचसी ले जाया गया। गंभीर रूप से जख्मी दो पुलिसकर्मियों को मोतिहारी रेफर किया गया है। इनके हाथ और सिर में चोट आई है। एएसपी और डीएसपी गांव में कैंप कर रहे हैं। इस गांव में तीन दिन पहले पुलिस शराब के अवैध कारोबार के खिलाफ छापेमारी करने गई थी। पुलिस ने शराब निर्माण के लिए बनी भट्ठियों को नष्ट किया था।
निखिल दुबे.