जिले में कोरोना वायरस संक्रमण और उससे बचावव तथा एईएस/ जे०ई से बचाव और उस पर प्रभावी नियंत्रण को लेकर जिलाधिकारी मुजफ्फरपुर डॉ०चंद्रशेखर सिंह की अध्यक्षता में एक महत्वपूर्ण बैठक समाहरणालय स्थित सभाकक्ष में आहूत की गई ।सरकार के निर्देश के आलोक में स्वास्थ्य विभाग द्वारा जिले के प्रत्येक घर में स्क्रीनिंग का कार्य कल से शुरू किया जा रहा है। इस हेतु स्वास्थ्य विभाग के द्वारा कुल 1967 टीमें बनाई गई हैं। जबकि इस कार्य में प्रखंडवार कुल 653 पर्यवेक्षकीय पदाधिकारी को भी लगाया गया है।इसके पूर्व भी स्क्रीनिंग का कार्य किया गया था।इसके अतिरिक्त 1851गांव के 818475 घरों में स्क्रीनिंग का कार्य किया जाएगा जो पांच मई तक लगातार चलेगा।जिलाधिकारी डॉ० चंद्रशेखर सिंह द्वारा डोर टू डोर सर्वे कैंपेन का कार्य मिशन मोड में करने का निर्देश दिया है। साथ ही उन्होंने यह भी निर्देश दिया कि इस संबंध में प्रत्येक पीएससी स्तर पर एवं जिला स्तर पर इवनिंग ब्रीफिंग करना सुनिश्चित करेंगे। डोर टू डोर स्क्रीनिंग को लेकर चलाए जा रहे कैंपेन में में ए०ईए०स/जे०ई के संबंध में भी जानकारी प्राप्त की जाएगी। स्क्रीनिंग हेतु उपलब्ध कराए गए प्रपत्र में एईएस/जे०ई संबंधित महत्वपूर्ण बिंदु भी सम्मिलित किए गए हैं ,यथा: -परिवार में बच्चों की संख्या, उनकी उम्र ,बच्चों को जे०ई का टीका लगा है कि नहीं, सर्दी, बुखार ,एवं खांसी के लक्षण आदि के बारे में भी जानकारी ली जाएगी ।साथ ही सभी घरों में स्वास्थ्य विभाग की टीम द्वारा पंपलेट भी वितरित किए जाएंगे। बैठक में एईएस/ चमकी बुखार से संबंधित निर्देश दिया गया कि प्रत्येक गांव की आंगनवाड़ी सेविका और आशा प्रत्येक घर में विजिट करें और एईएस/चमकी से बचाव तथा रोकथाम को लेकर लोगों को जागरूक करना जारी रखें। जिलाधिकारी ने सभी 196 पदाधिकारियों को जिनके द्वारा 196 पंचायतों को गोद लिया गया है तथा इसके अतिरिक्त अन्य पंचायतों को भी विभिन्न पदाधिकारियों द्वारा गोद लिया गया है, उन्हें सख्त निर्देश दिया है कि अपने-अपने पंचायतों में लगातार विजिट करें। आशा, सेविका/ सहायिका ,वार्ड सदस्य ,स्थानीय जनप्रतिनिधि आदि सभी को मोटिवेट करें। टैग किए गए वाहन के मालिकों या चालको के साथ बैठक करें ।सभी वरीय प्रभारी पदाधिकारी अपने-अपने प्रखण्डो पर विशेष ध्यान केंद्रित रखें तथा एईएस/ चमकी बुखार को लेकर पंचायत गांव और टोला स्तर पर किए जा रहे कार्यों का सतत अनुश्रवण करें। बैठक में बताया गया कि टैग किए गए वाहनों द्वारा बीमार बच्चों को पीएचसी/सरकारी अस्पताल पहुंचाया जाता है तो उन्हें 0- 20 किलोमीटर के लिए ₹400 —21- 40 किलोमीटर के लिए ₹600, 40से 60 किलोमीटर के 800 रुपये और 60 से अधिक किलोमीटर के लिए 1200 रुपये का भुगतान होगा। इस सीजन में चमकी के अलावा अन्य किसी भी तरह की समस्या से ग्रसित बीमार बच्चों को पीएचसी पहुंचाने पर संबंधित वाहन को भुगतान किया जाएगा। बैठक में विकास आयुक्त उज्जवल कुमार सिंह, अपर समाहर्ता राजेश कुमार ,अपर समाहर्ता जिला लोक शिकायत निवारण अशोक कुमार सिंह, सभी जिला स्तरीय पदाधिकारी ,स्वास्थ्य विभाग, केयर ,यूनिसेफ ,डब्ल्यूएचओ के प्रतिनिधि उपस्थित थे।
सतीश मिश्रा