आरा – सरकार की दोहरी एवम दमनात्मक नीति के खिलाफ बिहार राज्य शिक्षक संघर्ष समन्वय समिति के आह्वान पर मजदूर दिवस के अवसर पर भोजपुर के हड़ताली शिक्षकों ने एक दिन का उपवास रखा । उपवास के क्रम में कुमारी अल्का , महासचिव , राष्ट्रीय महिला शिक्षक मोर्चा ( NFWT ) बिहार सह सदस्य , महासचिव मंडल , बिहार राज्य शिक्षक संघर्ष समन्वय समिति , बिहार ने कहा कि हड़ताली शिक्षकों की शहादत बेकार नहीं जाएगा । आज सरकार की गलत नीतियों के चलते बिहार के 65 हड़ताली शिक्षक बेमौत मारे गये । बिहार के शिक्षक अपनी जायज मांगों को लेकर दिनांक – 17.02.2020 से अनिश्चित कालीन हड़ताल पर है । लेकिन सरकार सुधि नहीं ले रही है बल्कि दंडनात्मक कार्रवाई का शिकार शिक्षकों को बना रही है । फुट डालो राज करो कि नीति शिक्षकों के ऊपर लागू हो रही है । शिक्षक इसे कतई बर्दाश्त नहीं करेंगे । मांगें पूरी होने तक हड़ताल में डटे एवम बने रहेंगे । धर्म कुमार राम , जिला सचिव , बिहार राज्य प्राथमिक शिक्षक संघ ( गोप गुट ) सह सदस्य , सचिव मंडल , बिहार राज्य शिक्षक संघर्ष समन्वय समिति , भोजपुर ने कहा कि अन्तराष्ट्रीय श्रम दिवस के अवसर पर पूरे बिहार के शिक्षक एक दिन का उपवास रखकर सरकार को बताना चाह रहे है कि सरकार तुगलकी फरमान से बाज आए अन्यथा शिक्षक कमजोर नहीं है । शिक्षक हर हालात से लड़ना जानता है । सरकार के हर कार्रवाई का माकूल जवाब देने के लिए शिक्षक सदैव तैयार है । सरकार शिक्षकों की धैर्य की परीक्षा न ले । मजदूर दिवस के अवसर पर मजदूरों के आंदोलन में प्राणों की आहुति देने वाले तमाम क्रांतिकारी साथियों के सपनों को मंजिल तक पहुंचाने के लिए बढ़चढ़कर हिस्सा लेने की अपील बिहार के न्याय पसंद लोगों से की । उपवास के क्रम में शिक्षकों के जायज मांगों की पूर्ति हेतु सरकार को पहल करने की नसीहत दी गई । सरकार श्रमिकों के अधिकारों की कटौती बंद करें ,प्रवासी मजदूरों को वापस बुलाए , हड़ताली शिक्षकों के ऊपर किये गये दंडनात्मक कार्रवाई को वापस ले , हड़ताल अवधि के वेतन का भुगतान करें , DA की कटौती करने के फरमान को वापस लें , NPS को समाप्त करें OPS को लागू करें , मृत शिक्षकों के आश्रितों को बिना शर्त अनुकंपा पर सरकारी नौकरी दें , नियोजित शिक्षिकाओं को 180 दिन मातृत्व अवकाश स्वीकृत करें , हड़ताली शिक्षकों के राज्य नेतृत्व अर्थात शिक्षक संघर्ष समन्वय समिति से मांगों की पूर्ति हेतु सौहार्दपूर्ण वातावरण में सहानुभूति पूर्वक सम्मानजनक समझौता करें । उक्त मांगों की पूर्ति हेतु वार्ता करना सरकार की संवैधानिक जिम्मेवारी बनती है । अंत में तमाम शहीदों को लाल सलाम , शहीदों तेरे अरमानों को मंजिल तक पहुंचाएंगे , दुनिया के मजदूरों एक हो , शिक्षक एकता जिंदाबाद , मांगें पूरी होने तक हड़ताल से वापस नहीं जाएंगे इत्यादि नारों के साथ उपवास को खत्म किया गया । उपवास में राजाराम सिंह प्रियदर्शी , मंटू कुमार , कमलेश कुमार , अंजू कुमारी , अरविन्द कुमार , सुरेंद्र कुमार , मनीष कुमार ने डिस्टेंशन का ख्याल रखते हुए एक दिवसीय उपवास कार्यक्रम में हिस्सा लिया।
रामा शंकर प्रसाद
मुख्य संवाददाता