मुजफ्फरपुर में काम में लापरवाही बरतने के कारण जिले के सरैया प्रखंड कार्यालय के प्रधान लिपिक को किया गया निलंबित । साथ ही विभागीय कार्यवाई की अनुसंसा। डीएम डॉ0 चंद्रशेखर सिंह ने लेटर जारी कर मामले की जानकारी देते हुए कहा कि सरैया प्रखंड कार्यालय में पदस्थापित उर्दू अनुवादक सह प्रधान लिपिक सच्चिदानंद प्रसाद लगभग 11 वर्षों से प्रखंड मुख्यालय में नहीं रह रहे हैं बल्कि पटना से ही प्रतिदिन आना-जाना करते हैं कोविड 19 के संक्रमण जैसी आपदा की स्थिति में भी दिनांक 21 मार्च 2020 से दिनांक 29 मार्च 2020 तक अनधिकृत रूप से अनुपस्थित रहे तथा सभी प्रकार के अवकाश रद्द रहने के बावजूद दिनांक 1 अप्रैल 2020 से 2 अप्रैल 2020 तथा 5 अप्रैल 2020 को अनधिकृत रूप से अनुपस्थित रहे।
दिनांक 23 अप्रैल 2020 को प्रखंड कार्यालय में कार्यरत कार्यपालक सहायक की तबीयत अचानक बिगड़ने पर प्रखंड विकास पदाधिकारी द्वारा उन्हें प्राथमिक स्वास्थ्य केंद्र सरैया ले जाया गया जहां से स्वास्थ होने के उपरांत उन्हें घर भेज दिया गया इस बीच सच्चिदानंद प्रसाद द्वारा कुछ कार्यपालक सहायकों को कार्य नहीं करने तथा आंदोलन करने के लिए उकसाया गया।
सच्चिदानंद प्रसाद प्रधान लिपिक सरैया का यह कृत्य सरकारी कर्मी के मर्यादा के प्रतिकूल है। श्री प्रसाद के द्वारा कार्य में बरती गई लापरवाही, अनुशासनहीनता मुख्यालय से अनधिकृत रूप से अनुपस्थित रहने तथा नियंत्रित पदाधिकारी के विरुद्ध असामाजिक तत्वों के साथ सांठगांठ कर षड्यंत्र करने के आरोप में तत्काल प्रभाव से उन्हें निलंबित किया जाता है।
निलंबन अवधि में उनका मुख्यालय प्रखंड कार्यालय औराई में रहेगा। प्रखंड विकास पदाधिकारी सरिया को निर्देश दिया जाता है कि श्री प्रसाद के विरुद्ध प्रपत्र क गठित कर अनुशासनिक कार्रवाई की अनुशंसा अनुमंडल पदाधिकारी पश्चिमी, मुजफ्फरपुर के माध्यम से उपलब्ध कराएंगे।
सतीश मिश्रा, संवाददाता