पटना – ओन्ली लेडीज फ्रेंड ग्रुप शिक्षिकाओं द्वारा नारी जीवन की महत्ता पर प्रकाश डालते हुए सेमिनार का आयोजित किया गया।
यह ग्रुप विगत 14 अप्रैल 2020 से ही अपने सदस्यों के बीच मानसिक संतुलन की दृष्टि से तरह-तरह के विषय पर गतिविधियों के साथ प्रतिदिन अपने आपको व्यस्त रखा। 3 मई 2020 को इस प्रतियोगिता का समापन भी किया जाना है अतः आज का विषय सभी सदस्यों को समर्पित किया गया और नारी कल आज और कल (नारी सशक्तिकरण) विषय पर सभी लोगों से विचार आमंत्रित रखा गया । अभिभावक के रूप में अभय कुमार मनीष कुमार शशि, रंजीत कुमार ,रवि कुमार , शिवेश कुमार राजू कुमार आदि उपस्थित है।
कार्यक्रम का शुरुआत करते हुए हेमलता राय ने सभी अभिभावकों का अभिनंदन करते हुए कहा कि बीना नारी के इस धरती पर किसी का अस्तित्व नहीं है।
ममता सिंह ने कहा कि परिवार की धुरी है नारी।
अनीता जी ने कहा कि नारी अपने सभी रूपों को हमेशा श्रेष्ठ साबित करते आई है।
रूबी जीने कहा कि समाज के संचालन के लिए जितनी आवश्यकता पुरुषों की है उतनी ही स्त्री की भी प्राचीन समय से ही स्त्री में समाज के विकास एवं संरक्षण में महत्वपूर्ण योगदान दिया है हालांकि तब स्त्री की दशा बहुत ही सोचनीय थी उन्हें बहुत से सामाजिक वृत्तीय का सामना भी करना पड़ता था लेकिन फिर नारियों ने इन कुरीतियों से स्त्री को होने वाली हानियों को अनुभव किया तो उन्होंने नारी स्वाधीनता की आवाज उठाई जिस में स्त्रियों में कुछ जागृति के लक्षण उत्पन्न होने लगे और अनेक महिलाओं ने आगे आकर राष्ट्र निर्माण के मानकों में भाग लेने लगी एवं अपनी विद्या बुद्धि एवं कर्तव्य शक्ति के बल पर समाज में उच्च स्थान प्राप्त किया और मानव समाज का मार्गदर्शन कराने प्रश्निए कार्य कर दिखा
रमा मैंने कहा कि वर्तमान समय में नारियों का सुयोग्य गृहणी होने के साथ-साथ राजनीति धर्म कानून न्याय सभी क्षेत्र में पुरुष की सहायक और प्रेरक भी हैं आज की नारी जागृति एवं सक्रिय हो गई हैं वह अपने अंदर निहित शक्तियों को जानने लगी है जिससे आधुनिक नारी का समाज में ना केवल सम्मान अपितु प्रतिष्ठा भी बड़ी है।
डॉ प्रेमलता ने कहा कि आंकड़ों के अनुसार या देखा जा रहा है कि हमारे देश में लगातार गिरावट आ रही है और 1000 पुरुषों की तुलना में 850 स्त्रियां हैं। 2013 की वैश्विक मानव विकास रिपोर्ट के अनुसार हमारा देश पूरे विश्व में एक 148 के बीच में लैंगिक असमानता सूचकांक में 132 व स्थान पर है। लैंगिक समानता और महिला सशक्तिकरण दोनों ही विकास और उच्च आर्थिक स्थिति को प्राप्त करने के लिए बदलाव ही महत्वपूर्ण रणनीति है।
अनुपम जी ने अपने श्लोकों से शुरुआत करते हुए कहा यत्र नार्यस्तु पूज्यंते रमंते तत्र देवत:
अपमान मत कर नारियों का इसके बल पर जब चलता है पुरुष जन्म लेकर तो इन्हीं गोद में पलता है। बारी बारी से सभी सदस्यों ने अपनी अपनी बातें को रखी जिसमें शामिल मीरा नेहा श्वेता उर्मिला पूनम रेखा मनोरमा प्रियंका शिल्पम स्वप्निल लता गीतांजलि मधु लता ममता सिम्मी रीमा अरुंधति जागृति निवेदिता कल्पना अतुलित प्रतिमा अंजलि
मानसीझा , विकी रानी अंजना नूपुर नफीसा नीतू रंजना अंशु आदि ने बढ़ चढ़कर हिस्सा लिया।
पम्मी रॉय सभी मौजूद अभिभावकों तथा सदस्यों का आभार प्रकट किया तथा कहा कि हम सभी पुरुषों तथा महिलाओं को परस्पर सहभागिता की जरूरत है। हमें जीवन के प्रत्येक क्षेत्र में कदम से कदम मिलाकर चलने से ही उज्जवल भविष्य सुनिश्चित होगी। अंततः सभी सदस्यों को धन्यवाद ज्ञापन करते हुए मीडिया से जुड़े वह तमाम भाईयो और बहनों को आज अंतर्राष्ट्रीय पत्रकारिता स्वतंत्रता दिवस पर हार्दिक बधाई दी।
मुख्य संवाददाता
रामा शंकर