बिहार प्रदेश कॉंग्रेस कमिटी के अध्यक्ष डा. मदन मोहन झा ने कहा है कि बिहार के साथ सौतेलेपन व्यवहार को बिलकुल ही बर्दाश्त नहीं किया जायेगा। उन्होंने कहा कि आज पूरा देश जब कोरोना के इस महामारी से लड रहा है ऐसे में चुपचाप भारतीय रेलवे ने बिहार के सबसे पुराने प्रशिक्षण संस्थान को बंद करने का निर्णय एक षड्यंत्र के तहत लिया है। रेलवे ने इस संबंध में पत्र संख्या स.-या./249/4/पीडब्लूपी/2014-15/ पीएच-64/पीएलजी दिनांक 27-04-20 अधीन विभाग देकर संस्था को बंद कर लखनऊ हस्तांतरित करने का आदेश दे दिया है, यह सरासर बिहार की जनता के साथ नाइंसाफ़ी है।इंडियन रेलवे इंस्टीट्यूट ऑफ मैकेनिकल एंड इलेक्ट्रिकल इंजीनियरिंग (आईआरआईएमईई) नाम से यह प्रशिक्षण संस्थान जमालपुर में 1888 में खोला गया, इसमें1927 से रेलवे के मैकेनिकल इंजीनियरिंग को प्रशिक्षण दिया जाता रहा है। इससे पूर्व भी एक षडयंत्र के अंतर्गत केंद्र सरकार ने भारत वैगन और अधिकारी प्रशिक्षण संस्थान को बंद कर दिया है और बिहार सरकार कुछ नहीं इसपर कोई प्रतिक्रिया नहीं दे रहे।कहीं यह मिलीजुली कुश्ती तो नहीं है।हमें आश्चर्य होता है कि ये कभी बिहारी अस्मिता की बात करते हैं तो कभी बिहार के डी एन ए की बात करते हैं, पर समय आनें पर ख़ामोश रह जाते।आज जब पूरा देश कोविड 19 महामारी के संकट से गुजऱ रहा है,वहीं भारतीय रेल द्वारा छल से लिया गया यह निर्णय लोगों में न सिर्फ़ असंतोष पैदा करेगा वरण बिहारियो के मन में आक्रोश भी होगा और वे प्रतिकार करेगें।यह एक अत्यंत ही निराशापूर्ण एवं निंदनीय निर्णय है।
डा. झा में रेल मंत्री पीयूष गोयल जी, बिहार के मुख्यमंत्री नीतीश कुमार जी एवं उप मुख्यमंत्री सुशील मोदी जी से यह आग्रह किया है कि बिहार के साथ हो रहे इस अन्याय को अविलंब रोके और आईआरआईएमईई को जमालपुर में हीं रहनें दें।अगर यह फ़ैसला जल्द वापस नहीं लिया गया तो इसके विरोध में हम सब सडक पर उतरने को मजबूर हो जायंगे।
शैलेश तिवारी