समाहरणालय स्थित सभाकक्ष में जिलाधिकारी मुजफ्फरपुर डॉ० चंद्रशेखर सिंह की अध्यक्षता में लीची उत्पादकों, व्यापारियों एवं लीची प्रोसेसिंग यूनिट चलाने वाले प्रतिनिधियों के साथ एक महत्वपूर्ण बैठक आहूत की गई। बैठक में कोरोना वायरस ,कोविड 19 के संक्रमण की रोकथाम और उसे बचाव को लेकर लॉक डाउन की स्थिति में लीची उत्पादकों, व्यापारियों एवं प्रोसेसिंग यूनिट चलाने वालों के समक्ष उत्पन्न कठिनाइयों के बाबत विस्तृत विचार विमर्श किया गया। बैठक में लीची उत्पादकों द्वारा बताया गया कि अभी तक लीची के खरीद हेतु व्यापारी वर्ग सामने नहीं आ पाया है। अतः लीची खरीद का प्रतिशत बहुत ही कम है। साथ ही उनके द्वारा यह भी कहा गया कि लीची का न्यूनतम समर्थन मूल्य निर्धारित हो। लीची किसानों को केसीसी से आच्छादित किया जाए साथ ही लीची के फसल का भी बीमा हो ताकि आपदा की स्थिति में उन्हें सहायता प्रदान की जा सके। व्यापारियों के आवागमन को लेकर तथा लीची की तुड़ाई ,छंटाई एवं पैकेजिंग के कार्यों में लॉक डाउन के कारण आ रही बाधाओं के मद्देनजर चिंता प्रकट की गई ।वही लीची व्यापारियों ने रेलवे से अतिरिक्त रैक की सुविधा दिलाने का अनुरोध किया। साथ ही उनके द्वारा यह बात भी रखी गई कि ट्रकों के द्वारा बाहर के राज्यों में विशेषकर दिल्ली में लीची भेजा जाता है। जहां की मंडी में समय पर लीची उपलब्ध कराना अनिवार्य है। इस हेतु ट्रकों का आवागमन सुगम रहे और और माल की ढुलाई स- समय हो सके इसके लिए जिला प्रशासन के द्वारा पास निर्गत करने की मांग उन्होंने रखी। वही प्रोसेसिंग यूनिट चलाने वाले प्रतिनिधियों ने स्थानीय स्तर पर यूनिट में काम करने वाले मजदूरों को भी पास निर्गत की बात कही। इसके अतिरिक्त लीची हार्वेस्टिंग के कार्य में लगे मजदूरों को भी कार्य मे सहूलियत हेतु पास दी जाय साथ ही लीची लोडिंग का कार्य 06 बजे शाम से ही शुरू होता है।अतः लोडिंग का कार्य 06 बजे के बाद भी निर्वाध रूप से जारी रहे ,ये भी अनुरोध किया गया । ————————————- समग्र विचारोपरांत जिलाधिकारी के निर्देश के आलोक में जिलास्तरीय लीची टास्क फोर्स समिति का गठन करने का निर्णय लिया गया। जिसके अध्यक्ष उप विकास आयुक्त होंगे और उनकी अध्यक्षता में प्रत्येक मंगलवार को बैठक आहूत की जाएगी। कमिटी में जिला कृषि पदाधिकारी, जिला उद्यान पदाधिकारी, जिला उद्योग प्रबंधक ,जिला परिवहन पदाधिकारी के साथ लीची उत्पादकों, व्यापारियों प्रोसेसिंग यूनिट चलाने वाले के एक-एक प्रतिनिधि भी शामिल होंगे। बैठक में जिलाधिकारी ने आश्वस्त किया कि लीची की ढुलाई से संबंधित परिवहन में किसी भी तरह की समस्या उत्पन्न न होने दी जाएगी । शाम 6:00 बजे के बाद भी लीची लोडिंग का कार्य किया जा सकेगा। इस हेतु विहित प्रक्रिया के तहत प्रशासन द्वारा परमिशन दिया जाएगा ।प्रोसेसिंग यूनिट से जुड़े हुए बाहर के इंजीनियर और व्यापारियों के आवागमन में सुविधा हो इस संबंध में कहा गया है कि प्रतिनिधि सूची उपलब्ध कराएं ताकि उनके लिए भी पास निर्गत किया किया जा सके ।अन्य राज्यों में भेजे जाने वाले ट्रकों के लिए भी ।ताकि दूसरे राज्यों की मंडियों में लीची की ढुलाई का कार्य सफलतापूर्वक और स-समय हो सके ,पास निर्गत होंगे। व्यापारियों द्वारा बताया गया कि वर्तमान में रेलवे से सप्ताह में 2 दिन रैक उपलब्ध कराने की सहमति बनी है ।व्यापारियों द्वारा अनुरोध किया गया कि पीक सीजन में रेलवे द्वारा प्रतिदिन रैक की उपलब्धता सुनिश्चित हो ।इस संबंध में रेलवे से बात करके समस्या के समाधान की बात कही गई। लीची किसानों के क्षतिपूर्ति अनुदान, केसीसी से आच्छादन, फसल बीमा तथा न्यूनतम समर्थन मूल्य के निर्धारण के संबंध में कहा गया कि निश्चित तौर पर उक्त विषय को सरकार के संज्ञान में लाया जाएगा। बैठक में उप विकास आयुक्त, जिला कृषि पदाधिकारी, जिला उद्यान पदाधिकारी, निदेशक लीची अनुसंधान केंद्र, के अतिरिक्त लीची उत्पादक, व्यापारी वर्ग और प्रोसेसिंग यूनिट चलाने वाले के प्रतिनिधि उपस्थित थे।
सतीश मिश्रा.