कोरोना के इस महामारी के बीच पूरे देश में बुद्ध पूर्णिमा का पर्व बड़े ही सादगी के साथ मनाया जा रहा है और ऐसे में प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने कोविड-19 वैश्विक महामारी के कारण दुनिया में पैदा हुई उथल-पुथल और निराशा के बीच भगवान बुद्ध की सीख को पहले से भी अधिक प्रासंगिक बताते हुए एक अच्छी बात कही है कि थक कर रुक जाना, कोई विकल्प नहीं होता और विजय के लिए निरंतर प्रयास जरूरी है। बता दें कि वीडियो कॉन्फ्रेंसिंग के जरिए देश को संबोधित करते हुए प्रधानमंत्री ने यह कहा कि मानवता की सेवा करने वाले नमन के पात्र हैं।
आगे प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने अपने संबोधन में यह भी कहा कि – “इस बार परिस्थितियां अलग हैं। पूरी दुनिया मुश्किल समय से गुजर रही है। आपके बीच आना मेरा सौभाग्य होता है लेकिन मौजूदा स्थिति इसकी इजाजत नहीं देती है। बुद्ध के कदम पर चलकर भारत आज दुनिया की मदद कर रहा है। फिर चाहे वो देश में हो या फिर विदेश में, इस दौरान लाभ-हानि को नहीं देखा जा रहा है…”
यही नहीं, प्रधानमंत्री ने यह भी कहा कि – ‘भारत बिना किसी स्वार्थ के दुनिया के साथ खड़ा है। हमें अपने, अपने परिवार के साथ ही दूसरों की भी सुरक्षा करनी होगी… संकट के समय हर किसी की मदद करना ही सबका धर्म है… हमारा काम निरंतर सेवा भाव होना चाहिए। दूसरों के लिए करुणा-सेवा का भाव रखना बेहद जरूरी है।
नरेंद्र मोदी यहीम नहीं रूके उन्होंने भगवान बुद्ध की बातें बतायी कि – ‘मानव को निरंतर यह प्रयास करना चाहिए कि वह कठिन परिस्थितियों पर विजय प्राप्त करे… उनसे बाहर निकले। थक कर रुक जाना, कोई विकल्प नहीं होता।’
बताते चलें कि पीएम नरेंद्र मोदी बताया कि बुद्ध भारत के बोध और भारत के आत्मबोध, दोनों का प्रतीक हैं… और इसी आत्मबोध के साथ भारत निरंतर पूरी मानवता एवं पूरे विश्व के हित में काम कर रहा है और हमेशा करता रहेगा।
प्रिया सिन्हा.