एईएस/चमकी बुखार को लेकर जिलाधिकारी के नेतृत्व में किए जा रहे जागरूकता/आईईसी कार्यक्रम एक सराहनीय कदम – प्रधान सचिव
बच्चों के माता-पिता अपने बच्चों को खाली पेट ना सोने दे ।हो सके तो स्वयं साथ में सोएं
-बच्चों को मीठा जरूर खिलाएं। बुखार लगने पर बिना समय गवाएं अपने बच्चे को नजदीक के अस्पताल में ले जाएं
100 शैय्या वाले पीकू भवन का 70 बेड 15 मई तक हो जाएगा चालू। शेष 15 जून तक हो जाएंगे तैयार
एसकेएमसीएमें पर्याप्त आधारभूत संरचना की जाएंगी विकसित
एईएस और कोविड-19 पर प्रभावी नियंत्रण को लेकर सरकार कृतसंकल्पित
अपील- कोरोना संक्रमण की रोकथाम और उस पर प्रभावी नियंत्रण के लिए सोशल डिस्टेंसिंग एक कारगर हथियार
पैनिक ना हों बल्कि एतिहात बरतें एवं सतर्क रहें।
एईएस को लेकर पूर्व के 67 और नए 120 बेड सहित 187 बेड तैयार।इसके अतिरिक्त 40 बेड 31 मई तक इलाज के लिये उपलब्ध – अधीक्षक एसकेएमसीएच
स्वास्थ्य विभाग,बिहार सरकार के प्रधान सचिव संजय कुमार आज एसकेएमसीएच पहुंचे। उन्होंने एक समीक्षात्मक बैठक भी की और एईएस पर प्रभावी नियंत्रण को लेकर आवश्यक निर्देश भी दिया। साथ ही इस संबंध में आवश्यक विचार-विमर्श भी उनके द्वारा किया गया। PICU भवन का निरीक्षण भी उनके द्वारा किया गया। निरीक्षण के उपरांत प्रधान सचिव ने कहा कि 15 मई से 70 बेड (तीन फ्लोर)के पीकू वार्ड सेवा के लिये तैयार होगा। चौथे तल्ले पर अवस्थित 30 बेड एवं सबसे ऊपर में स्थित शोध संस्थान 15 जून तक तैयार हो जाएगा। इससे बच्चों के इलाज में परेशानी नहीं होगी। कहा कि 100 बेड के पीकू वार्ड के अतिरिक्त 60 बेड का एक्यूट इंसेफेलाइटिस वार्ड भी बनाया जाएगा। वही अधीक्षक एसकेएमसीएच डॉक्टर सुनील शाही ने इस संबंध में बताया कि एईएस/ चमकी बुखार को लेकर पूर्व के 67 बेड और नया 120 बेड सहित कुल 187 बेड बच्चों के इलाज के लिए तैयार है। इसके अतिरिक्त 40 बेड 31 मई तक तैयार हो जाएगा ।। प्रधान सचिव संजय कुमार ने कहा कि चमकी बुखार पर नियंत्रण हेतु जिलाधिकारी ,मुजफ्फरपुर के नेतृत्व में जागरूकता और आई सी के तहत जो कार्य किए जा रहे हैं , वे सराहनीय हैं ।उन्होंने जिला प्रशासन और विभिन्न विभागों द्वारा किये जा रहे जागरूकता कार्यक्रम की तारीफ़ की।उनके द्वारा बताया गया कि सरकार के निर्देश के आलोक में एसकेएमसीएच अस्पताल में पर्याप्त आधारभूत संरचना विकसित की जाएंगी।इस अस्पताल को की क्षमता 2500 बेड की हो,इससे संबंधित कार्ययोजना को धरातल पर उतारने हेतु आवश्यक कवायद की जा रही हैं। पहले चरण में 1500 और दूसरे चरण में 1000 बेड का अस्पताल का निर्माण होगा। कहा कि 1500 बेड के अस्पताल के लिए लगभग 1100 पदों की स्वीकृति मंत्री परिषद द्वारा दी जा चुकी है।
प्रधान सचिव श्री संजय कुमार ने एईएस को लेकर आम लोगों से अपील की है कि बच्चों को खाली पेट ना सुलायें बल्कि खाना खिला कर सुलायें। अकेले ना सोने दे ।आवश्यक हो तो बच्चे के साथ में सोए।उन्होंने कहा कि बुखार लगने की स्थिति में बिना समय गवाएं नजदीक के सरकारी अस्पताल में ले जाएं। कहा कि कोशिश करें कि तबियत बिगड़ने पर बच्चे को एक से दो घण्टे के अंदर निकट के अस्पताल में ले जा सके ।वही कोरोना को लेकर उन्होंने जिलेवासियों से अपील की कि कोरोना का संकट एक विश्वव्यापी संकट है जो निसंदेह हमारे लिए एक चुनौती है। सोशल डिस्टेंसिंग को मेंटेन करते हुए एवं लॉक डाउन को शत-प्रतिशत सफल बनाकर हम उस चुनौती का सामना करने में सफल होंगे। उन्होंने कहा कि पैनिक ना हो बल्कि एतिहात बरते एवं सतर्क रहें ।इस अवसर पर डीएम डॉ चंद्रशेखर सिंह, अस्पताल अधीक्षक डॉ सुनील कुमार शाही, प्राचार्य डॉ विकास कुमार, सिविल सर्जन डॉ एसपी सिंह समेत अन्य चिकित्सक तथा अन्य पदाधिकारी मौजूद थे।
सतीश मिश्रा.