दरियापुर
दरियापुर तथा डेरनी थाना अंर्तगत ग्राम रक्षा दल के नाम पर कार्य कर रहे है युवक कही स्थानीय थानाध्यक्ष के द्वारा छले तो नही जा रहे है
आखिर थानेदार किस आधार पर इन युवकों से ड्यूटी लेते है इन युवक के साथ कुछ घटना हो जाये ड्यूटी के दौरान उस वक्त कौन जिम्मेवार होगा। थानेदार को इन युवकों को रखने का अधिकार कहां से प्राप्त हुआ अगर बरीय पुलिस अधिकारी की लिखित आदेश है तो जरूर राज्य स्तर से सहमति बनी होगी, नही तो बिना कोई सेवा शर्त के ड्यूटी लेना कानून की दृष्टि से गलत है कानून पालन करने वाले अधिकारी अगर बेरोजगार युवाओं को झांसा में रखकर कार्य करा रहे है तो कहां तक लाजमी है
ग्राम रक्षा दल खुद को चौकीदार समझ कर ड्यूटी कर रहे है कि एक न एक दिन स्थायी जरूर होगा जबकि इस तरह बहाल करने की कोई अधिकार राज्य सरकार से प्राप्त नही है
ग्राम रक्षा दल के युवक ड्यूटी के अलावे वसूली भी करते देखे गये है साथ ही दलाली भी करने की गुर थाना ने सीखा दिया है पुलिस फोकट में इन युवकों से ड्यूटी भी ले रही है और गुप्त रूप से दलाली भी करा रही है
डेरनी में तो ग्राम रक्षा दल का युवक दारू बेचते जेल भी भेजा गया बाद में पुलिस ने ये कहते हुए पलट गये की कोई ग्राम रक्षा दल में नही है
डेरनी अंतर्गत जो भी ग्राम रक्षा दल में कार्य कर रहे है उसका मुख्य उद्देश्य दारू पीने और बेचने में दिक्कत न हो इस लिए जुड़े हुए है।
दरियापुर थाना के मटिहान चौक के पास रात्रि मे ग्राम रक्षा दल के युवक ट्रक से वसूली तक करते है इन युवकों की इतनी हिम्मत तो पुलिस कृपा से ही मिल रही है
इस सम्बन्ध में सोनपुर डी एस पी अतानु दत्ता से पूछे जाने पर बताया कि वह स्वयंसेवक है अपनी गांव की सुरक्षा करते है और पुलिस को सहयोग करते है वैसे इन्हें कोई सरकारी लाभ नही मिलेगा.
नित्यानंद