कांग्रेस के पूर्व अध्यक्ष राहुल गांधी ने लोगों से हमदर्दी जतायी और इस भयंकर महामारी कोरोना वायरस से जुड़े हर डर के माहौल को पूरी तरह से खत्म करने पर भी उन्होंने जोर दिया है…
बता दें कि राहुल गांधी ने कहा है कि इस संकट के खिलाफ सिर्फ प्रधानमंत्री कार्यालय (पीएमओ) से आप लड़ाई नहीं लड़ सकते हैं… इसलिए ऐसी अवस्था में प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी को मुख्यमंत्रियों पर विश्वास करना एवं राज्यों को साझेदार बनाना बहुत ज़रूरी है।
राहुल गांधी ने आगे यह भी कहा कि सरकार के कदमों में पारदर्शिता होना बेहद ज़रूरी है। और तो और सरकार छोटे कारोबारों की तत्काल मदद करना शुरु कर दें व साथ ही गरीबों एवं मजदूरों के खातों में 7500 रुपये भी डाले।
आपकी जानकारी के लिए बता दें कि राहुल गांधी ने वीडियो कांफ्रेसिंग के जरिए अपनी यह बात संवाददाताओं से कही है कि – ‘हमें छोटे कारोबारों, मजदूरों की मदद करनी होगी। लोगों की नौकरियां जा रही हैं। अगर हम अभी मदद नहीं करते हैं तो (बेरोजगारी की) सुनामी आ जाएगी।’
राहुल गांधी यहीं नहीं रूके… उन्होंने आगे कहा कि अगर हमें लॉकडाउन से बाहर निकलना है तो हमें डर खत्म करना होगा। यह बताना होगा कि कोरोना वायरस 99 प्रतिशत लोगों के लिए खतरनाक नहीं हैं। जिन एक फीसदी लोगों के लिए यह खतरनाक है उनकी हमें सुरक्षा करनी होगी।
राहुल गांधी ने तो यह भी कह डाला कि – ‘आज हमें यह भूलना होगा कि मैं मीडिया से हूं, कांग्रेस से हूं, आरएसएस से हूं या भाजपा से हूं। हम सबसे पहले हिंदुस्तानी है। हमें हिंदुस्तान के अंदर से डर निकालना होगा।’ कांग्रेस नेता के मुताबिक सरकार को अब अपने कार्यों में थोड़ी पारदर्शिता बरतने की जरूरत है। लॉकडाउन खोलने के लिए मापदंडों को समझने की जरूरत है। यह महत्वपूर्ण है कि सरकार भारत के लोगों से उन मापदंडों के बारे में बताएं, जिनका उपयोग वो करेंगे।
बताते चलें कि राहुल गांधी ने यह भी बोला कि – ‘आज स्थिति सामान्य नहीं है। इसमें सामान्य समाधान नहीं निकलने वाला है। अगर हम विकेंद्रीकरण करके इस लड़ाई को जिला स्तर तक ले जाएं, तो समाधान निकल सकता है। अगर हम इस लड़ाई को पीएमओ तक रखेंगे, तो हार हो सकती है।’
राहुल गांधी की प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी को यही सलाह है कि मुख्यमंत्रियों और मुख्यमंत्रियों को जिला अधिकारियों पर भरोसा करें क्योंकि हम इसे केंद्रीकृत करते हैं, तो दिक्कत होगी। राहुल गांधी ने आग्रह किया कि प्रधानमंत्री मोदी इस लड़ाई में राज्यों को साझेदार अवश्य बनाएं।
प्रिया सिन्हा,