कोरोना को लेकर हर राज्य की अपनी राय है और सलाह भी… ऐसे में झारखंड के मुख्यमंत्री हेमंत सोरेन ने पूरे देश में लॉकडाउन लगाने के मामले में सीधे मोदी सरकार को ही अपने निशाना पर ले लिया है। दरअसल, सीएम हेमंत सोरेन ने यह साफ कहा कि लॉकडाउन लगाने से पहले केंद्र ने राज्यों को भरोसे में कभी नहीं लिया और उनसे कोई बातचीत भी नहीं की।
मुख्यमंत्री हेमंत सोरेन की मानें तो अगर राज्यों से उनकी राय ली गई होती तो प्रवासी मजदूरों को विभिन्न राज्यों से उनके घरों तक लाने के लिए एक बेहतर योजना बन पाती, जिससे लाखों लोगों को इस तरह से परेशान नहीं होना पड़ता। वहीं, सीएम हेमंत सोरेन से पहले छत्तीसगढ़ के मुख्यमंत्री भूपेश बघेल ने भी केंद्र पर इसी तरह के आरोप लगाए थे।
सीएम हेमंत सोरेन ने आगे यह भी कहा कि प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी अब तक 4 बार देश के विभिन्न मुख्यमंत्रियों से बात कर चुके हैं और वह स्वयं भी दो बार इसमें शामिल भी हुए जिसमें एक बार उन्हें अपनी बात रखने का मौका मिल पाया था।
आगे मुख्यमंत्री हेमंत सोरेन ने कहा कि इस बार की बातचीत का मुद्दा बिल्कुल अलग सा था और वह प्रधानमंत्री के सामने अपने राज्य के हितों का मुद्दा बिल्कुल भी नहीं उठा पाए। उन्होंने तो केंद्र सरकार को सलाह दे डाली कि राज्यों के हितों को ध्यान में रखकर ही कोई फैसला लेनी चाहिए…
बताते चलें कि मोदी सरकार पर सीएम हेमंत सोरेन ने तंज कसते हुए कहा कि कोरोना की बीमारी चल कर नहीं, बल्कि उड़ कर हमारे देश तक आ पहुंची है।
एक वक्त था जब पूरी दुनिया में कोरोना की चर्चा तेज़ी से हो रही थी और अगर उस समय केंद्र सरकार ने स्थितियों का सही आकलन किया होता, तो इसे देश में कोरोना को फैलने से रोकने के लिए बेहतर कदम उठाए जा सकते थे। यही नहीं, उन्होंने आगे यह भी कहा कि जब तूफान दूर होता है तभी उसके संकेत मिलने लग जाते हैं। और उन संकेतों को समझकर ही हम समय रहते बचाव के उपाय कर लेने की कोशिश करते हैं… लेकिन दुर्भाग्य से कोरोना के मामले में सरकार इन संकेतों को समझने में नाकाम रही। यह भी एक कारण है कि इसकी वजह से कोरोना से निबटने की तैयारी भी पूरी नहीं हो पाई जिसके कारण कोरोना का बड़ी ही तेजी से इस देश में फैलने का अवसर मिला।
प्रिया सिन्हा