बिहार प्रदेश कॉंग्रेस कमिटी के अध्यक्ष डा. मदन मोहन जा नें अखिल भारतीय कॉंग्रेस कमिटी के वरीय सदस्यों के साथ वीडियो कॉंफ़्रेंस में कोविद 19 के ख़िलाफ़ जंग में बिहार कॉंग्रेस के सक्रियता के बारे में विस्तार से बताया। आज तीन बजे से छ: बजे तक चली वीडियो कॉंफ़्रेंसिंग में कॉंग्रेस के राष्ट्रीय कोषाध्यक्ष श्री अहमद पटेल एवं महामंत्री (संगठन) श्री के सी वणुगोपाल के अलावे कॉंग्रेस के सभी प्रदेशों के अधयक्षो ने भाग लिया।।
बिहार प्रदेश कॉंग्रेस कमिटी के अध्यक्ष डा. मदन मोहन झा जी ने बिहार कांग्रेस के प्रयासों के बारे में बताते हुये कहा कि, बिहार में बाहर के लोग फँसे हैं तथा बिहार के बाहर जो कोई भी जरुरतमंद लॉकडाउन के कारण परेशान हैं उनकी हर संभव मदद करनें का हम प्रयास कर रहें है।हम इसे जनता की सेवा के एक अवसर के रूप में भी देख रहे है। उन्होंने बताया कि इस संदर्भ में के निर्देशानुसार एक राज्य स्तरीय कोऑरडिनेशन कमिटी का गठन किया गया जिसकी सूचना AICC को दी जा चुकी है।ज़िला स्तर पर भी कोविड 19 से लड़ने के लिये ज़िलाध्यक्षों द्वारा कमेटियों का निर्माण किया गया है, जिससे राहत कार्य सुचारू रूप से चल सके।
बिहार में बाहर के राज्यों से आये प्रवासी मज़दूरों, छात्रों एवं पर्यटकों को वापसी का किराया देने के लिये एक दिशा तैयार किया गया है। तथा जो लोग बिहार में फँसे हैं और वापस जाना चाहते हैं, उनके लिये एक फारमेट तैयार किया गया है एवं दो वाटस अप नम्बर भी जारी किये गये है। फ़ॉर्मेट का एक लिंक, वाटस अप नम्बर एवं मेल आईडी को सोशल मीडिया, इलेक्ट्रिानिक तथा प्रिंट मीडिया के माध्यम से प्रचारित प्रसारित किया जा रहा है।
राज्य के विभिन्न जिलों से लगभग १००० (एक हज़ार) लोगों ने बिहार कांग्रेस से संपर्क अब तक किया है। अब उनका प्रस्तावित फ़ॉर्मेट में विवरण आना बाँकी है। विवरण आते ही सरकार को उनका भाड़ा सौंपा जायेगा। बिहार से बाहर कई लोग स्वयं अपने ख़र्च पर भी वापस जाना चाहते हैं लेकिन उन्हें अनुमति मिलनें में काफ़ी कठिनाइयों का सामना करना पड़ रहा है। उन्होंने कहा कि इस
संदर्भ में वो सरकार को पत्र लिखेंगे। उन्होंने बताया कि राज्य के मुख्य सचिव दीपक प्रसाद जी को एक नोडल ऑफ़िसर नामित करने के लिये एक पत्र लिखा गया है, तथा यह भी अनुरोध किया गया है कि राज्य में फँसे लोग जो वापस अपनें घर जाना चाहते हैं , उनकी सूचि हमें उपलब्ध कराये जिससे कि बिहार कांग्रेस उनके एक तरफ़ के किराये का भुगतान किया जा सके।
आगे उनहोने कहा कि राज्य सरकार बहुत धीमी गति से कार्य कर रही है तथा इनके कार्य में कोई पारदर्शिता नहीं है।विपक्ष से किसी भी स्तर पर सलाह नहीं लिया जा रहा है।यहां तक की बिहार के बाहर से आये मजदूरो के स्वागत में किसी विपक्षी दल के सदस्यों को जाने की अनुमति भी नहीं है।
फिर भी बिहार कॉंग्रेस जहाँ तक संभव हो सके ज़रूरतमंदो के बीच रसद, साबुन, पीपीई किट एवं दवा का भी नियमित रूप से वितरण कर रही है।विधायकों एवं अन्य कांग्रेसी द्वारा भी अपनी क्षमता के अनुसार अपने अपनें क्षेत्रों एवं जिलों में राहत कार्य चलाया जा रहा है।।
उन्होंने कहा कि एक सोलह सूत्रीय मॉंगों के साथ बिहार के मुख्यमंत्री श्री नीतीश कुमार जी को ज्ञापन सौंपा गया, तथा उसकी प्रति मीडिया को भी दी गई।लेकिन उसका अब तक कोई जवाब नहीं आया।
बिहार कांग्रेस ने कर्नाटक, गोवा, गुजरात तथा अन्य राज्यों में प्रवासी मज़दूरों को रोके जाने का ख़बर आते ही उसका मीडिया एवं सोशल मीडिया के माध्यम से पुरज़ोर विरोध किया गया। नतीजा सबके सामनें है।
असुविधाओं एवं संशोधनों के कमी के बावजूद हमारा प्रयास है कि कैसे ज़्यादा से ज़्यादा ज़रूरतमंद लोगों के बीच पहुँचा जाय।
शैलेश तिवारी