कोरोना रूपी महामारी वर्तमान समय की सबसे बड़ी समस्या है और मानव जीवन के अस्तित्व पर सबसे बड़े चुनौती के रूप में सामने है । कोरोना महामारी के कारण उत्पन्न भय , आशंका , डर , निराशा , बेरोजगारी , भविष्य की चिंता व आर्थिक तंगी के कारण आम जनमानस व खास सभी वर्गों के लोंगों में तनाव व तनाव जनित रोगों के बढ़ने के आसार हैं । यदि यौगिक जीवन शैली को अपने जीवन में शामिल कर लें तो व्यक्ति , परिवार और समाज को इस कठिन परिस्थिति से बाहर निकलने में बहुत बड़ी मदद मिल सकती है उक्त बातें योग प्रचारक संजय कुमार उर्फ संजय योगी ने कहा । उन्होंने प्रातः काल बिछावन छोड़ कर सुबह मे गर्म पानी एक ग्लास बैठकर पीने के बाद शौच जाने की बात कही । रोज योगाभ्यास करने से रोग प्रतिरोधक क्षमता का विकास होता है तथा तनावमुक्त प्रसन्न जीवन की प्राप्ति होती है । योगाभ्यास अपनी शारिरीक क्षमता के अनुरूप करें । शुरूआत यौगिक जौगिंग या सूर्य नमस्कार से करें । इसके बाद प्रमुख पांच प्राणायामों भस्त्रिका , कपालभाति , अनुलोम – विलोम , भ्रामरी तथा उदगीथ प्राणायाम नियमित किया करें । प्राणायाम के बाद हाथ , पैर , कमर , गर्दन , सिर व आंखों के लिए सुक्ष्म व्यायाम करें । इसके बाद कुछ विशेष आसन करने से शरीर की नश-नाड़ियों को तनावमुक्त , मजबुत , सुचारू व क्रियाशील बनाया जा सकता है उन आसनों में उष्ट्रासन, सेतुबंधासन , भुजंगासन, मकरासन, मर्कटासन, पवनमुक्तासन, सिंहासन व हस्यासन करना चाहिए । योगाभ्यास के पंद्रह मिनटों के बाद गिलोय , तुलसी , हल्दी , अदरक व काली मिर्च का काढ़ा बनाकर पीयें या फिर गिलोय घनवटी , तुलसी घनवटी , च्यवनप्राश , शहद आदि के प्रयोग से अपनी रोग प्रतिरोधक शक्तियों को बढ़ाकर रोगों से लड़ सकते हैं । और कहा कि सोशल डिस्टेंस मेंटेन करें , मास्क व सेनेटाईजर का प्रयोग करें । कोरोना से जंग में योग व आयुर्वेद बहुत बड़ा हथियार है ।
सतीश मिश्रा