ट्विटर पर सिर्फ गाल बजाने वाले प्रशांत किशोर जी कोरोना संक्रमण जैसे आपदा पर राजनीति मत करिए।बिहार सरकार के कार्यो का धैर्य पूर्वक अध्यण तो करिये।केंद्र सरकार एवं बिहार सरकार अपने नागरिकों के लिए जो करना है वह हर संभव प्रयास बहुत ही संवेदनशीलता सतर्कता एवं सजगता के साथ कर रही है।परंतु आप बिहार सरकार के द्वारा प्रवासियों एवं छात्रों के लिए किए जा रहे राहत कार्यों का आपदा की घड़ी में गिद्ध दृष्टि जमा कर एक ओछी एवं नकारात्मक राजनीति करने की कोशिश कर रहे हैं । बिहार सरकार के 180 आपदा राहत केंद्रों में 69300 लोग रह रहे हैं, पंचायतों में 988 कोरेंटिन सेंटरों में 8800 लोग हैं,जिन्हें भोजन एवं चिकित्सा उपलब्ध कराई जा रही है। वहीं प्रखंडों में 3331क्वारंटाईन सेंटरों पर 44,869 लोग हैं । अब तक कोरोना संक्रमण के 30320 जांच हो चुकी है । कुल 267 लोग कोरोना से स्वस्थ होकर घर जा चुके हैं। कोरोना से अब तक 43 फीसदी लोग ठीक हो चुके हैं।रही बात ट्रेन किराया की तो इसके लिए कुशल एवं व्यवस्थित प्रबंधन श्री नीतीश कुमार जी द्वारा किया जा चुका है, हजारों की संख्या में प्रवासी प्रत्येक दिन बिहार आ रहे हैं तथा कोरेंटिन होकर खुशी-खुशी अपने घर जा रहे हैं। 1 मई से 8 मई तक कुल 81 ट्रेनों के माध्यम से 96117 प्रवासी बिहार आ चुके हैं शेष के लिए प्रक्रिया निरंतर जारी है ।अपनी जन्मभूमि से कोसों दूर बैठकर नकारात्मक सोच रखने वाले बिहार एवं बिहार वासियों के लिए सकारात्मक होइए। बिहार के माननीय मुख्यमंत्री नीतीश कुमार जी का नाम लेकर अपनी राजनीति चमकाने के बजाय इस विपदा की घडी मे कुछ तो अपनी मिट्टी का फर्ज अदा करिए।
कौशलेन्द्र पाराशर