राज्य के लाखों प्रारंभिक, माध्यमिक, उच्चतर माध्यमिक शिक्षक एवं पुस्तकालय अध्यक्ष राज्य सरकार की शिक्षा व शिक्षक विरोधी नीति के
कारण 17 फरवरी 2020 से चल रहे अनिश्चितका लीन हड़ताल को सरकार के आग्रह पर वार्ता कर कोरोना महामारी से निपटने के लिए मानवता के आधार पर स्थगित कर दिया है।
लेकिन निरंकुश सरकार अपनी शिक्षा व शिक्षक विरोधी नीति के कारण शिक्षको को परेशान कर रही है ।
जहा पूरे भारत मे लाक डाउन अवधि का वेतन भुगतान किया जा रहा है वही बिहार सरकार का नियोजित शिक्षको का वेतन रोकना तथा अन्य कर्मियो का वेतन भुगतान करना दोहरी नीति को दर्शाता है ।
बिहार सरकार ने बिहार के शिक्षा को बर्बाद कर दलित ,पिछड़े एवं गरीब जनता को मूर्ख बना कर शासन करना चाहती ।
राष्ट्रीय जनता दल शुरू से बिहार मे बेहतर शिक्षा ,स्वास्थ्य के साथ गरीबो के विकास के लिए कार्य करती रही है।
बिहार मे जब राजद की सरकार रही तो बेहतर शिक्षा के लिए BPSC से पूर्ण वेतनमान पर शिक्षको की बहाली हुई।
2015 मे राजद के समर्थन से नीतीश कुमार की सरकार थी तो राजद ने नीतीश कुमार पर दबाव बनाकर नियोजित शिक्षको को वेतनमान दिलवाया था साथ ही हड़ताल अवधि का वेतन भुगतान तुरन्त करवाया था ,जबकि आज भाजपा समर्थित नीतीश सरकार नियोजित शिक्षको को तंग करने को हीं अपना एजेंडा समझ रही है।राजद नियोजित शिक्षकों के साथ है।उनकी मांग राजद की प्राथमिकता सूची में शामिल है। सत्ता में आने पर राजद की पहली प्राथमिकता होगी की बिहार मे बेहतर शिक्षा के लिए नियोजित शिक्षको को (1) पुरानी पेंशन योजना को लागू करेगी (2) नियोजित शिक्षको की मृत्यु के उपरांत जो आश्रित प्रशिक्षित नहीं है उसे दुसरे विभाग में अनुकम्पा का लाभ स्थाई नौकरी देगी एवं (3)नियोजित शिक्षको को राज्य कर्मी की दर्जा सहित पूर्ण वेतनमान देगी।
शैलेश तिवारी, पोलिटिकल एडिटर