पटना 11 मई 2020 ; राष्ट्रीय जनता दल के प्रदेश प्रवक्ता चित्तरंजन गगन ने कहा है कि जदयू और भाजपा प्रवक्ताओं की बात सुनकर यैसा लगता है जैसे अजायब घर से लाकर इनलोगों को प्रवक्ता बना दिया गया है । अथवा उनकी स्थिति सामान्य नहीं है । जिस प्रकार का बयान उनके द्वारा दिया जाता है वैसा बयान कोई सामान्य आदमी नहीं दे सकता । जदयू के एक प्रवक्ता की नजर में दूसरे प्रदेशों मे फंसे बिहार के श्रमवीरों को सकुशल अपने घर बिहार लाने की माँग करने से बिहार की बदनामी हो रही है । ये नेता प्रतिपक्ष के अभी लाॅकडाउन की वजह से दिल्ली में रूके रहने पर यैसा बयान दे रहे हैं जैसे वे और इनके नेता बिहार के गाँवों का दौरा कर रहे हों ।
जदयू के एक अन्य प्रवक्ता को दूसरे प्रदेशों से अपने घर लौट रहे बिहार के श्रमवीरों का स्वागत नागवार लग रहा है । इन्हें नागवार लगना भी स्वाभाविक है । यदि नेता प्रतिपक्ष तेजस्वी प्रसाद यादव आवाज नहीं उठाते तो जदयू और भाजपा की सरकार तो इन्हें बिहार लाने के पक्ष में थी हीं नहीं । उप मुख्यमंत्री सुशील कुमार मोदी तो जबरन मजदूरों को दूसरे प्रदेशों में रोकने की हीं वकालत कर रहे हैं जैसे मजदूर आपूर्ति के एवज में कमिशन एजेंट की तरह औधोगिक घरानों से उनके द्वारा दलाली ( कमिशन ) लिया गया हो ।
भाजपा के एक प्रवक्ता द्वारा कोरांटाइन सेन्टरों की व्यवस्था देखने की नसीहत दी गई है । उन्हें यह पता हीं नहीं है कि राजद के साथी सभी कोरांटाइन सेन्टर पर नजर रखे हुए हैं । सरकारी दल के लोग जरा एअर कंडीशन रूम से निकलकर कोरांटाइन सेन्टरों की व्यवस्था देखें । अधिकांश कोरांटाइन सेन्टरों पर जो व्यवस्था है उससे स्वस्थ व्यक्ति भी अस्वस्थ हो जायेगा ।
राजद नेता ने कहा कि नेता प्रतिपक्ष तेजस्वी प्रसाद यादव की भूमिका के साथ हीं उनकी बढती लोकप्रियता और जन स्वीकार्यता से भाजपा और जदयू नेताओं की मानसिक परेशानी काफी बढ गई है। इसी वजह से वे खुद नहीं समझ पाते हैं कि वे क्या बोल रहे हैं और उन्हें क्या बोलना चाहिए ।
शैलेश तिवारी