जनता दल राष्ट्रवादी ने प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी द्वारा बीस लाख करोड़ का पैकेज की घोषणा पर अपनी प्रतिक्रिया में कहा है कि कोरोना संकट की इस मुश्किल घड़ी में जनता पर एक नये टैक्स की मार पड़ने वाली है.जेडीआर के राष्ट्रीय संयोजक अशफाक़ रहमान का कहना है कि आदरणीय,परमआदरणीय,माननीय मोदी जी की यह ताज़ा घोषणा कितनी धरातल पर उतर पायेगी,कहां खर्च होगा,इसका इंतेज़ार अगले प्रवचन तक करना होगा.मगर यह तय है कि बीस लाख करोड़ का टैक्स घूमा फिरा कर जनता से वसूल लिया जायेगा.
अशफाक़ रहमान का यह भी कहना है कि बीस लाख करोड़ में बीस रुपया प्रति व्यक्ति भी कोई लाभ नहीं मिलने वाला है.गरीब,मज़दूर,किसान पहले की तरह ही भूखे पेट पैदल चलने,पटरियों पर कटने,सड़कों पर मरने को विवश रहेंगे.सरकार की नयी घोषणा से सिर्फ़ अडानी-अंबानी को ही लाभ मिलेगा और ग़रीबों को रोज़ रोज़ नये नये योजना का एलान कर सब्ज़बाग दिखाया जायेगा.याद होगा सभी नागरिकों के खाते में पंद्रह-पंद्रह लाख रुपए डलवाने का वादा भी मोदी जी ने ही किया था.क्या वह पैसे मिले?मोदी जी की हार घोषणा ऐसे ही है.उनके द्वारा कही गयी कोई भी बात आजतक सत्य साबित नहीं हुई हैं.उनकी पढ़ाई से लेकर,डिग्री तक सब झूठ साबित हुई हैं.तो फिर इस पर क्योंकर एतबार होगा.?
अशफाक़ रहमान का कहना है कि बिना किसी सिस्टम के लॉकडाउन नोटबंदी की तरह ही भूल कर रहे हैं प्रधानमंत्री जी.दुनिया में जहां कहीं भी लॉकडाउन किया गया है,वह पूरी तरह एक प्लान के तहत है कि उसका कुप्रभाव देश की आर्थिक स्तिथि,गरीब जनता पर न पड़े.डाक्टर्स की टीम के साथ राय-मशविरा के साथ किया जा रहा है.किसी भी देश के प्रधानमंत्री और राष्ट्रपति को श्रेय लेते नहीं देखा जा सकता है.सिर्फ़ नरेंद्र मोदी ही हैं जो आपदा को अवसर(राजनीति)में बदलने के लिए हर सप्ताह-पंद्रह दिन ख़बरिया चैनल पर प्रकट हो रहे हैं.यदि इन्हें अपनी जनता का इतना ही चिंता होती तो हवाई जहाज़ से फुल बरसाने की जगह मज़दूरों को रेलगाड़ी से उनके परदेस भेजते.सरकार के इस प्रयास से सैंकड़ों मज़दूरों की भूखे-प्यासे जान तो नहीं जाती.