इन दिनों कांग्रेस महासचिव प्रियंका गांधी प्रवासी मजदूरों की हमदर्द बन बैठी है और उनके लिए वह सीधे मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ से जा भीड़ी हैं… क्यों आश्चर्य में पड़ गए ना???
दरअसल, कांग्रेस महासचिव प्रियंका गांधी और मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ के बीच में चल रही इस खींचतान की असल वजह लॉकडाउन में फंसे प्रवासी मजदूरों ही हैं। जी हां, उनके लिए बस चलाने को लेकर ही बात बढ़ती ही चली जा रही है।
आपकी जानकारी के लिए बता दें कि प्रियंका गांधी की ओर से 19 मई, 2020 को एक बार फिर से आगरा के बॉर्डर पर बसें लगनी शुरू हो गई हैं… प्रियंका गांधी के निजी हैं सचिव संदीप सिंह और उन्होंने 19 मई, 2020 को सवा 12 बजे यूपी अपर मुख्य सचिव अवनीश अवस्थी को एक पत्र लिख डाला है और इस पत्र में उन्होंने कहा है कि यहां ज्यादा बसें होने के चलते उनकी परमिट लेने में कुछ समय लग रहा है, लेकिन शाम पांच बजे तक सभी बसें यूपी बॉर्डर पर पहुंच जाएंगी।
वहीं, प्रियंका के सचिव संदीप सिंह द्वारा लिखे गए पत्र में कहा है कि आपका पत्र हमें 19 मई, 2020 तो 11.5 बजे मिला है। इस संदर्भ में बताना चाहता हूं कि हमारी कुछ बसें राजस्थान से आ रही हैं और कुछ बसें दिल्ली से आ रही हैं। इनके लिए दोबारा से परमिट दिलवाने की कार्यवाही जारी है। बसों की संख्या अधिक होने के नाते इस में कुछ घंटे लगेंगे। ये सारी बसें शाम पांच बजे तक गाजियाबाद और नोएडा बॉर्डर पर पहुंच जाएंगी। शाम पांच बजे तक यात्रियों की लिस्ट और रूट मैप तैयार रखेंगे ताकि इनके संचालन में हमें कोई आपत्ती न आए।
बताते चलें कि प्रियंका गांधी ने प्रवासी श्रमिकों के लिए करीब 1000 बसें भेजने के लिए प्रदेश सरकार से अनुमति मांगी थी। उनका आरोप यह है कि यूपी सरकार उन्हें बसें चलाने की अनुमति नहीं दे रही है। वहीं, योगी के सलाहकार का आरोप है कि कांग्रेस से बसों की डीटेल मांगी गई जिसमें बाइक-कार और ऑटो के नंबर थे।
कांग्रेस महासचिव प्रियंका गांधी यहीं नहीं रूकी… उन्होंने 16 मई, 2020 को ट्वीट कर कहा था कि हजारों श्रमिक, प्रवासी भाई-बहन बिना खाए भूखे प्यासे पैदल दुनिया भर की मुसीबतों को उठाते हुए अपने घरों की ओर चल रहे हैं… यूपी के हर बॉर्डर पर बहुत मजदूर मौजूद हैं… ऐसे में प्रिंयका ने प्रवासी श्रमिकों के लिए 1000 बसें भेजने के लिए प्रदेश सरकार से अनुमति मांगी थी… उनका आरोप साफ है कि यूपी सरकार उन्हें बसें चलाने के अनुमति नहीं दे रही है। दूसरी ओर, योगी सरकार का आरोप है कि कांग्रेस से बसों का डीटेल मांगा गया था, लेकिन वह उन्हें नहीं दिया गया।
प्रिया सिन्हा, चीफ सब एडिटर