पटना 22 मई 2020 ; राष्ट्रीय जनता दल के प्रदेश प्रवक्ता चित्तरंजन गगन ने कहा है कि उप मुख्यमंत्री सुशील कुमार मोदी और सूचना जनसम्पर्क मंत्री नीरज कुमार अपने अपने कारणों से कुंठा के शिकार बन चुके हैं । राज्य सरकार के दोनों मंत्रियों द्वारा राजद और इसके राष्ट्रीय अध्यक्ष लालू प्रसाद जी के सम्बन्ध में इनके द्वारा दिया गया बयान और ट्वीट उनके कुंठित मानसिकता का हीं परिणाम है ।
राजद नेता ने कहा कि उप मुख्यमंत्री रहने के बावजूद मोदी जी को सरकार के स्तर पर अथवा पार्टी के स्तर पर कोई अहमियत नहीं दिये जाने की वजह से वे मानसिक तौर पर काफी परेशान हैं । इसीलिए मीडिया में बने रहने के लिए कभी राज्य सरकार के प्रवक्ता के रूप में तो कभी केन्द्र सरकार के प्रवक्ता के रूप में उन्हीं बातों को दुहराते हैं जिसे विभागीय पदाधिकारी पहले बता चुके होते हैं । दल के अन्दर भी इनकी यही स्थिति हो गई है। कोई इनके बातों का नोटिस हीं नहीं लेता। पिछले दो दिनों से ये चुनाव आयोग के प्रवक्ता के रूप में बोलने लगे हैं। निष्पक्ष और पारदर्शी चुनाव कराने की जिम्मेदारी चुनाव आयोग की है। जब सब काम औनलाईन हीं हो सकता है तो मजदूरों को औनलाईन मदद क्यों नहीं पहुँचा रहे हैं ।
राजद नेता ने कहा कि लग रहा है कि मोदी जी का स्मरण शक्ति भी काफी कमजोर हो गया है। वे भूल रहे हैं कि आधार कार्ड बनाने का प्रस्ताव यूपीए सरकार के समय आया था जिसका उनकी पार्टी भाजपा ने विरोध किया था । इसी प्रकार यूपीए सरकार द्वारा लागू जिस मनरेगा को भाजपा ने फालतू बताया था उसी से आज सरकार की लाज भी बची हुई है ।
विधान परिषद मे सदस्य का कार्यकाल समाप्त होने की वजह से नीरज कुमार को मंत्री पद पर संकट दिखाई पड़ रहा है ।इसलिए अपनी जगह सुरक्षित रखने के लिए राज्य मे मची तबाही को विकास बताना उनकी मजबूरी है । वे उस सरकार के मंत्री हैं जो कागजी कार्रवाई और जुबानी खर्च से हीं गरीबों का पेट भर रही है ।
राजद नेता ने कहा कि राज्य सरकार के मंत्री लालू प्रसाद, तेजस्वी यादव और राजद परिवार को कोसने के बजाय थोड़ा भी अपने जिम्मेदारियों के प्रति सजग रहते तो बिहार की स्थिति इतनी खराब नहीं होती । राज्य सरकार की लापरवाही और अक्षमता के कारण हीं राज्य में कोरोना संक्रमण निरन्तर बढते जा रहा है । पर सरकार स्क्रीनिंग, टेस्टिंग, ईलाज, रोकथाम, गम्भीरता, जागरूकता, सजगता जैसे हर अत्यावश्यक पड़ाव पर ढिलाई बरतते नजर आ रही है । निर्देशों और क्रियान्वयन में कोई समन्वय नहीं है ।
सरकार में बैठे लोगों के सोच का स्तर इतना गिर गया है कि बाहर से आने वाले भूखे प्यासे मजदूरों को ये स्वयं खाना नहीं खिलाते और नेता प्रतिपक्ष तेजस्वी प्रसाद यादव पहल पर जब राजद कार्यकर्ता उन मजदूरों के लिए खाने की व्यवस्था कर रहे हैं तो प्रशासन द्वारा उसे रोक दिया जाता है । सरकार की संवेदनहीनता की वजह से अबतक दर्जनों मजदूर दुर्घटना का शिकार बन चुके हैं । आज फिर उत्तर प्रदेश के मिर्जापुर मे बिहार लौट रहे आधा दर्जन मजदूर सड़क पर कुचल दिया.
शैलेश तिवारी