दरभंगा। नगर निगम क्षेत्र के वार्ड 48 में बिहार के खाद्य आपूर्ति विभाग के मंत्री मदन सहनी का आवासीय क्षेत्र है । वहॉ वर्ष 2014 से सैकड़ों परिवारों के नाम पर प्रत्येक महिने मिलने वाले सरकारी अनाज वगैर लाभार्थियों को जानकारी दिए आज तक बिहार सरकार के खाद्य आपूर्ति विभाग के पदाधिकारियों,कर्मचारियों, डिलर व स्थानीय,जनप्रतिनिधियों के सहयोग से उठाव कर बंदरबांट कर लिया जाता था । कमाल का मामला यह है की इसी क्षेत्र में यानी दरभंगा नगर निगम के वार्ड 48 के पन्डासराय मुहल्ले में बिहार के वर्तमान खाद्य आपूर्ति मंत्री मदन सहनी का निजी आवास भी है । यानि मंत्री के नाक के नीचे उन्ही के विभाग के लोगों द्वारा लाखों करोड़ो रुपए का खाद्य पदार्थों का घोटाला किया जाता रहा है । जिनमें त्वरित कार्रवाई की मांग चारों ओर से समाजिक व विभिन्न राजनीतिक दलों के कार्यकर्ताओं द्वारा किया जा रहा है ।
दरभंगा नगर निगम के वार्ड 48 का ही यह मामला नजर नहीं आ रहा । बल्कि पुरे दरभंगा जिला में खाद्य आपूर्ति विभाग के उपरोक्त घोटाले के तर्ज पर उन क्षेत्रों में भी व्यापक रूप से उच्चस्तरिय सघन जांच करने की संख्त आवश्यकता है । विदित हो की देश में वर्ष 2011 में जनसंख्या की गणना की गई थी । जिसको पैमाना माना कर बिहार में राज्य सरकार द्वारा राशनकार्ड बनवाया गया । बीपीएल ,एपीएल, और अन्त्योदय तीन वर्गों में बॉटा गया । बिहार सरकार के खाद्य आपूर्ति विभाग के द्वारा किए गए इन वर्गीकरण पर भी तब लंबे समय तक विभिन्न राजनीतिक दलों, समाजिक कार्यकर्ता और ज्यादातर मिडिया द्वारा टीका टिप्पणी व आवाज आन्दोलन किया गया । इसके बाद वर्ष 2014 में केंद्र की यूपीए सरकार द्वारा खाद्य सुरक्षा कानून लागू किया गया । जिसके तहत ग्रामीण क्षेत्रों में पच्चासी प्रतिशत और शहरी क्षेत्रों में तिहत्तर प्रतिशत लोगों को खाद्य सुरक्षा मुहैया कराने की योजना बनाई गई । खाद्य सुरक्षा कानून में तीन तरह के लोग यथा सरकारी नौकरी वाले, सरकारी पेंशन वाले और गरीब रेखा से ऊपर के इन्कम टैक्स प्रदाता को छोड़कर सभी लोगों को प्रत्येक महिने चावल गेहूं और अन्य अनाज क्षेत्रवार देने की योजना पर काम शुरू किया गया । परन्तु बिहार सरकार के खाद्य आपूर्ति विभाग ने उपरोक्त तीनों स्तर के लोगों का समूचित चयन कर उन सबका छंटनी नहीं किया । बल्कि उल्टे केन्द्र सरकार से ऐसे लोगों के नाम पर भी लाखों टन अनाज मंगवाया जाता रहा। दुसरे तरफ़ सरकारी नौकरी वाले, पेंशन वाले और इनकम टैक्स रिटर्न भरने वाले लोगों के ज्यादातर राशन कार्ड को सरेंडर करने के बजाय उसे राशनकार्डधारी परिवार को वगैर जानकारी दिए उनके नाम से पुर्णत गलत तरीके से प्रत्येक महिने लाखों टन अनाज के केन्द्र सरकार से मंगवाकर खाद्य आपूर्ति विभाग के पदाधिकारियों कर्मचारियों डीलर सहित स्थानिय से लेकर उपर तक जनप्रतिनिधियों द्वारा अब तक करोड़ो रुपए का वारा-न्यारा कर लिया गया । इसके साथ साथ इस अनाज घोटाला में और तरीके से भी पुरे सिस्टम को चूना लगातार लगाया जाता रहा है । दरभंगा नगर निगम वार्ड 48 का खाद्य आपूर्ति विभाग का घोटाला इसलिए भी आक्रोश पैदा करता है की इस वार्ड में ही बिहार के वर्तमान खाद्य आपूर्ति मंत्री मदन सहनी का नीजि आवास है । अब जरूरत है की दरभंगा नगर निगम सहित पूरे जिले में लूट की संभावना को देखते हुए केन्द्र सरकार या उच्च न्ययालय द्वारा स्वतंत्र जॉच करवा कर इस महालूट व घोटाले में शामिल तमाम लोगों को कानून की बेड़ी पहनाई जाए।
मोहन चन्द्रवंशी, संवाददाता, दरभंगा