अरेराज प्रखंड के सरेया पंचायत के मुखिया की लोकप्रियता को धूमिल करने की साजिश करने वाले पर होगी मानहानि की मुकदमा।optimisticink.co.in पोर्टल न्यूज़ पर भ्रामक खबर छापने और छपवाने वाले सही जनकारी होनी चाहिए .सरेया ,कौवहा व ममरखा भैया टोला सहित 15 संदिग्ध मरीज सैम्पल लेने के बाद हेल्थ क्वारेटिन सेंटर कस्तूरबा आवासीय विद्यालय में क्वारेटिन किए गए थे . अस्पताल प्रबंधन ने गुरुवार को निगेटिव रिपोर्ट आने की बात कह कर सभी 15 संदिग्ध को छोड़ दिया .जो बात प्रतिष्ठित अखबार में प्रमुखता से छपी थी । अगर सरेया के मुखिया हेल्थ विभाग पर दबाव बनाकर सरेया के संक्रमित मरीज को छुड़ाते तो बाकी संदिग्ध मरीज अपने अपने घर कैसे चला जाता।मुखिया पति ने ही मुम्बई से आने के बाद दबाव बनाकर उक्त युवक को घर नही आने दिया ।उसके परिजन पर दबाव बनाकर उसे क्वारेटिन कराया ।घर आने के बाद जब उक्त युवक का रिपोर्ट पॉजिटिव आने के सूचना के बाद खुद मुखिया पति ने उक्त युवक के घर आने व गांव में घूमने की बात फोन कर अस्पताल प्रबंधन ,प्रशासन व मीडिया को दिया ।अगर मुखिया पति इस बात को नही खोलते तो अस्पताल प्रशासन दबाने में जुट गया था ।लेकिन मुखिया पति ने गांव व पंचायत को सुरक्षित रखने को लेकर आधी रात तक अनुमंडल से लेकर जिला तक के प्रशासन को फोन कर उक्त मरीज कर गांव में घूमने व निगेटिव रिपोर्ट बताकर क्वारेटिन सेंटर से छूटी देने की जनकारी दी गई ।ताकि संपर्क में आने वाले कि जांच कर समय पर इलाज व जांच किया जा सके ।
मुखिया पति ने दबाव बनाकर उक्त युवक को हेल्थ क्वारेटिन सेंटर से छूटी दिलवाने की अफवाह राजनीतिक के तहत फैलाया जा रहा है ।उक्त युवक का पॉजिटिव रिपोर्ट की सूचना के बाद जब मुखिया पति ने अरेराज अस्पताल उपाधीक्षक से फोन कर लापरवाही के बारे में बार बार जनकारी का प्रयाश किया गया ।लेकिन अस्पताल उपाधीक्षक अपने गलती को छुपाने के लिए बहाना बनाते रहे ।इसका ऑडियो क्लिप भी है ।जो समय पर सार्वजनिक किया जाएगा ।वही बिना तथ्य के सही जनकारी के भ्रामक खबर चलाने व चलवाने वाले को सरेया पंचायत की जनता खूब अच्छी तरह से जानती है ।जनता समय पर ओछी राजनीत करने वाले को जबाब देगी ।वही सरेया पंचायत की जनता खबर चलाने व चलवाने वाले से मुखिया पति के लोकप्रियता धूमिल करने के साजिश करने वाले को कड़ी चुनौती देती है कि अगर मुखिया पति का अगर उक्त युवक को क्वारेटिन सेंटर से छुड़ाने के कोई सबूत है तो सार्वजनिक करे ।अगर सार्वजनिक नही किया गया.
कौशलेन्द्र पाण्डेय, संपादक