कोरोना संकट और लॉकडाउन के बीच प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के दूसरे कार्यकाल का पहला साल आज शनिवार को पूरा हो रहा है. इस अवसर पर प्रधानमंत्री मोदी ने देश की जनता के नाम पत्र लिखा है जिसमें उन्होंने पिछले 1 साल की सरकार की उपलब्धियों का जिक्र किया, साथ ही यह भी कहा कि एक साल में लिए गए फैसले बड़े सपनों की उड़ान है.प्रधानमंत्री मोदी ने पत्र में लिखा कि आज से एक साल पहले भारतीय लोकतंत्र के इतिहास में एक नया स्वर्णिम अध्याय जुड़ा. देश में दशकों बाद पूर्ण बहुमत की किसी सरकार को लगातार दूसरी बार जनता ने जिम्मेदारी सौंपी थी. इस अध्याय को रचने में आपकी बहुत बड़ी भूमिका रही है. ऐसे में आज का यह दिन मेरे लिए, अवसर है आपको नमन करने का, भारत और भारतीय लोकतंत्र के प्रति आपनी इस निष्ठा को प्रणाम करने का.उन्होंने लिखा कि यदि सामान्य स्थिति होती तो मुझे आपके बीच आकर आपके दर्शन का सौभाग्य मिलता, लेकिन वैश्विक महामारी कोरोना की वजह से जो परिस्थितियां बनी हैं उन परिस्थितियों में, मैं इस पत्र के द्वारा आपका आशीर्वाद लेने आया हूं.2014 की उपलब्धियों का जिक्र.प्रधानमंत्री मोदी ने लिखा कि 2014 में देश की जनता ने देश में एक बड़े परिवर्तन के लिए वोट किया था, देश की नीति और रीति बदलने के लिए वोट किया था. उन 5 वर्षों में देश ने व्यवस्थाओं को जड़ता और भ्रष्टाचार के दलदल से बाहर निकलते हुए देखा है. देश ने अंत्योदय की भावना के साथ गरीबों का जीवन आसान बनाने के लिए गवर्नेंस को परिवर्तित होते देखा है.पिछले कार्यकाल की उपलब्धियों के बारे में बताते हुए पीएम मोदी ने लिखा, हमने गरीबों के बैंक खाते खोलकर, उन्हें मुफ्त गैस कनेक्शन देकर, मुफ्त बिजली कनेक्शन देकर, शौचालय बनवाकर और घर बनवाकर गरीब की गरीमा भी बढ़ाई.उन्होंने आगे लिखा- उस कार्यकाल में जहां सर्जिकल स्ट्राइक हुई, एयर स्ट्राइक हुई. वहीं हमने वन रैंक वन पेंशन, वन नेशन वन टैक्स- जीएसटी, किसानों की MSP की बरसों पुरानी मांगों को भी पूरा करने का काम किया. पहला कार्यकाल अनेकों आवश्यकताओं की पूर्ति के लिए समर्पित रहा.फैसले बड़े सपनों की उड़ानः प्रधानमंत्री, पहले कार्यकाल के बाद पिछले साल बतौर प्रधानमंत्री अपना दूसरा कार्यकाल शुरू करने वाले पीएम मोदी ने लिखा कि 2019 में आपका आशीर्वाद, जनता का आशीर्वाद, देश के बड़े सपनों के लिए था, आशाओं-आकंक्षाओं की पूर्ति के लिए था. इस एक साल में लिए गए फैसले इन्हीं बड़े सपनों की उड़ान है. उन्होंने आगे लिखा कि सबका साथ, सबका विकास, सबका विश्वास’ इस मंत्र को लेकर आज देश सामाजिक हो या आर्थिक, वैश्विक हो या आंतरिक, हर दिशा में आगे बढ़ रहा है.
प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने अपने दूसरे कार्यकाल के पहले साल की उपलब्धियों का जिक्र करते हुए लिखा, ‘पिछले एक साल में कुछ महत्वपूर्ण निर्णय ज्यादा चर्चा में रहे और इस वजह से इन उपलब्धियों का स्मृति में रहना भी बहुत स्वाभाविक है.’ अनुच्छेद 370, राम मंदिर निर्माण, तीन तलाक हो या फिर नागरिकता संशोधन कानून, ये सारी उपलब्धियां सभी को स्मरण हैं.उन्होंने लिखा कि एक के बाद एक हुए इन ऐतिहासिक निर्णयों के बीच अनेक फैसले और बदलाव ऐसे भी हैं जिन्होंने भारत की विकास यात्रा को नई गति और नए लक्ष्य दिए हैं. लोगों की अपेक्षाओं को भी पूरा किया है.पीएम मोदी ने देश की जनता के नाम लिखे पत्र में कहा कि चीफ ऑफ डिफेंस स्टाफ के पद के गठन ने जहां सेनाओं में समन्वय को बढ़ाया है, मिशन गगनयान के लिए भी भारत ने अपनी तैयारियां तेज कर दी हैं.किसान सम्मान निधि के दायरे में हर किसानः प्रधानमंत्री, गरीब, किसान, महिलाओं और युवाओं का जिक्र करते हुए मोदी ने लिखा कि अब पीएम किसान सम्मान निधि के दायरे में हर किसान आ चुका है. पिछले एक साल में एस योजना के तहत 9.50 करोड़ से ज्यादा किसानों के खातों में 72 हजार करोड़ रुपये से अधिक राशि जमा कराई गई है.उन्होंने कहा कि 15 करोड़ से अधिक ग्रामीण घरों में पीने का शुद्ध पानी पाइप से मिले, इसके लिए जल जीवन मिशन शुरू किया गया. 50 करोड़ से अधिक के पशुधन के बेहतर स्वास्थ्य के लिए मुफ्त टीकाकरण का बड़ी अभियान चलाया जा रहा है.प्रधानमंत्री मोदी ने जनता को लिखे पत्र में कहा कि देश के इतिहास में यह पहली बार हुआ है जब किसान, खेत मजदूर, छोटे दुकानदार और असंगठित क्षेत्र के श्रमिक साथियो, सभी के लिए 60 साल की आयु के बाद 3 हजार रुपये की नियमित मासिक पेंशन की सुविधा सुनिश्चित हुई है.मछुआरों की सहूलियत बढ़ाने के लिए, सुविधाओं और ब्लू इकोनॉमी को मजबूत करने के लिए अलग से विभाग बनाया गया है. व्यापारियों की समस्याओं के समाधान के लिए व्यापारी कल्याण बोर्ड के निर्माण का निर्णय लिया गया है. साथ ही स्वयं सहायता समूहों से जुड़ी करीब 7 करोड़ बहनों को भी अब ज्यादा वित्तीय सहायता दी जा रही है. इन समूहों के लिए बिना गारंटी के ऋण को 10 लाख से बढ़ाकर दोगुना यानी 20 लाख कर दिया गया है.उन्होंने आगे लिखा कि आदिवासी बच्चों की शिक्षा के लिए देश में 450 से ज्यादा नए एकलव्य मॉडल रेसिडेंशियल स्कूलों का निर्माण शुरू किया गया.संसद ने पिछले रिकॉर्ड तोड़ डालेः प्रधानमंत्रीप्रधानमंत्री से संसदीय कार्यवाही का जिक्र करते हुए कहा कि सामान्य जन के हित से जुड़े बेहतर कानून बनें, इसके लिए भी पिछले 1 साल में तेजी से काम हुआ और पिछला रिकॉर्ड तोड़ दिया. यही कारण है कि कंज्यूमर प्रोटेक्शन एक्ट हो, चिटफंड कानून में संशोधन हो, दिव्यांगों, महिलाओं और बच्चों को अधिक सुरक्षा देने वाले कानून हों, ये सब तेजी से बन पाए हैं.शहरों और गांवों के बीच खाई कम होने का जिक्र करते हुए पीएम मोदी ने लिखा कि पहली बार ऐसा हुआ है जब गांव में इंटरनेट का इस्तेमाल करने वालों की संख्या शहर में इंटरनेट इस्तेमाल करने वालों से 10 फीसदी ज्यादा हो गई.कोरोना पर बोले पीएम- नियमों का निष्ठा से पालन होवैश्विक महामारी कोरोना का उल्लेख करते हुए पीएम मोदी ने कहा कि हम तेज गति से आगे बढ़ रहे थे कि कोरोना वैश्विक महामारी ने भारत को भी घेर लिया. कई लोगों ने आशंका जताई थी जब कोरोना भारत पर हमला करेगा तो भारत पूरी दुनिया के लिए संकट बन जाएगा. लेकिन आज आपने भारत को देखने का नजरिया बदलकर रख दिया है.
पीएम मोदी ने कहा कि ताली-थाली बजाने और दीया जलाने से लेकर भारत की सेनाओं द्वारा कोरोना वॉरियर्स का सम्मान हो, जनता कर्फ्यू या देशव्यापी लॉकडाउन के दौरान नियमों का निष्ठा से पालन हो, हर अवसर पर आपने ये दिखाया है कि एक भारत ही श्रेष्ठ भारत की गारंटी है.
प्रवासियों की तकलीफ दूर करने की कोशिश कर रहेः प्रधानमंत्री
प्रवासी श्रमिकों को हो रही असुविधा पर पीएम मोदी ने कहा कि निश्चित तौर पर इतने बड़े संकट में कोई ये दावा नहीं कर सकता कि किसी को कोई तकलीफ या असुविधा न हुई हो. श्रमिक, प्रवासी मजदूर भाई-बहन, छोटे-छोटे उद्योगों में काम करने वाले कारीगर, पटरी पर सामान बेचने वाले, रेहड़ी-ठेला लगाने वाले, दुकानदार, लघु उद्धमियों ने असीमित कष्ट सहा है. इनकी परेशानियों को दूर करने की कोशिश कर रहे हैं.
उन्होंने कहा कि हमें यह भी ध्यान रखना है कि हो रही असुविधा, जीवन पर आफत न बन जाए. हर किसी को दिशा-निर्देश का पालन करना बहुत आवश्यक है. जोधैर्य और जीवटता बनाए रखा है, उसे आगे भी बनाए रखें. यह एक बड़ा कारण है कि भारत आज अन्य देशों की तुलना में ज्यादा संभली हुई स्थिति में है. लड़ाई लंबी है लेकिन हम विजय पथ पर चल पड़े हैं और विजयी होना हमारा सामूहिक संकल्प है.
पिछले दिनों आए अम्फान पर प्रधानमंत्री मोदी ने कहा कि अभी पश्चिम बंगाल और ओडिशा में आए अम्फान चक्रवात के दौरान जिस हौसले के साथ वहां के लोगों ने स्थितियों का सामना किया, चक्रवात से होने वाले नुकसान को कम किया, वह भी हम सभी के लिए बड़ी प्रेरणा है.
आर्थिक क्षेत्र में भी कायम करेंगे मिसालः प्रधानमंत्री
अर्थव्यस्था के बारे में प्रधानमंत्री मोदी ने जनता के नाम लिखे पत्र में कहा कि आज यह चर्चा बहुत व्यापक है कि भारत समेत तमाम देशों की अर्थव्यवस्थाएं कैसे उबरेंगी. लेकिन दूसरी ओर ये विश्वास भी है कि जैसे भारत ने अपनी एकजुटता से कोरोना के खिलाफ लड़ाई में पूरी दुनिया को अचंभित किया, वैसे ही आर्थिक क्षेत्र में भी हम नई मिसाल कायम करेंगे. 130 करोड़ भारतीय अपने सामर्थ्य से आर्थिक क्षेत्र में भी विश्व को चकित ही नहीं बल्कि प्रेरित भी कर सकते हैं.
प्रधानमंत्री मोदी ने कहा कि आज समय की मांग है कि हमें अपने पैरों पर खड़ा होना ही होगा. अपने बलबूते पर चलना ही होगा और इसके लिए एक ही मार्ग है आत्मनिर्भर भारत. अभी हाल में आत्मनिर्भर भारत अभियान के लिए दिया गया 20 लाख करोड़ का पैकेज इसी दिशा में उठाया गया बड़ा कदम है. यह अभियान हर किसी के लिए नए अवसरों का दौर लेकर आएगा. भारत आयात पर अपनी निर्भरता कम करेगा और आत्मनिर्भरता की ओर आगे बढ़ेगा.
पत्र के अंत में प्रधानमंत्री मोदी ने कहा कि गुजरे 6 सालों की इस यात्रा में आपने निरंतर आशीर्वाद दिया है. देश पिछले 1 साल में ऐतिहासिक निर्णयों और विकास की अभूतपूर्व गति के साथ आगे बढ़ा है. लेकिन अब भी बहुत कुछ करना बाकी है.
मेरे संकल्प की ऊर्जा आपः प्रधानमंत्री
उन्होंने कहा कि मेरे संकल्प की ऊर्जा आप ही हैं, आपका समर्थन, आपका आशीर्वाद, आपका स्नेह. उन्होंने कहा कि वैश्विक महामारी के कारण यह संकट की घड़ी तो है ही, लेकिन हम देशवासियों के लिए यह संकल्प की घड़ी भी है. हमें याद रखना है कि 130 करोड़ भारतीयों का वर्तमान और भविष्य कोई आपदा या कोई विपत्ती तय नहीं कर सकती.
प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने जनता में जोश का संचार करते हुए लिखा कि हम अपना वर्तमान भी खुद तय करेंगे और अपना भविष्य भी. हम आगे बढ़ेंगे, हम प्रगति पथ पर दौड़ेंगे, हम विजयी रहेंगे. अंत में उन्होंने लिखा- स्वस्थ रहिए, सुरक्षित रहिए. जागृत रहिए, जागरुक रखिए ! *अभिषेक सिंघानिया*