जनता दल राष्ट्रवादी किसी भी तरह की हिंसा की घोर निंदा करती है.वह चाहे हत्या की राजनीति हो या राजनीतिक हिंसा,जेडीआर इसका परम विरोधी है.इसका संबंध किसी जाति या किसी भी पार्टी से हो,सही नहीं ठहराया जा सकता है.साथ ही,पार्टी अपराध के राजनीतिकरण और जातिवादी राजनीति का भी उतना ही विरोधी है.जेडीआर के राष्ट्रीय संयोजक अशफाक़ रहमान का कहना है कि गोपालगंज में ट्रिपल मर्डर पर जिस तरह की राजनीति राजद कर रहा है वह घोर निंदनीय है.प्रतिपक्ष के नेता तेजस्वी यादव ने इस तरह की बेचैनी कभी मुसलमानों को लेकर नहीं दिखायी?21 दिसंबर को राजद की बंदी के दिन 18 वर्षीय आमिर हंजला सांप्रदायिक हिंसा का भेंट चढ़ गया.राजद के ही एक बड़े मुस्लिम नेता का रिश्तेदार भी था हंजला.मगर हंजला की हत्या पर तेजस्वी बेचैन नहीं दिखे.परिजनों को सांत्वना देने तक नहीं पहुंचे.इसी तरह सीतामढ़ी में एक मुस्लिम बुजुर्ग ज़ैनुल अंसारी मॉब लिंचिंग में मारे गये थे.सांप्रदायिक तत्वों ने ज़िंदा जला दिया था उन्हें.तेजस्वी इस बर्बरता पर ज़रा भी नहीं तड़पे थे.मुसलमानों के ऐसे कई मामले आये जिसे देख कर समाज को खून के आंसू निकल आये.मगर राजद की ओर से न कोई आंदोलन हुआ और न धरना-प्रदर्शन.अशफाक़ रहमान कहते हैं कि राजद के पास सिर्फ़ मुस्लिम वोटर्स बचे हैं.मुसलमानों के सहारे ही पार्टी चल रही है.यादव राजद में रहा नहीं,2019 के लोकसभा चुनाव में राजद की बुरी हार इसका धोतक है.राजद के यादव अब भाजपा के साथ है.बावजूद इसके तेजस्वी को यादवी राजनीति पर ही भरोसा है.
अनुज मिश्रा