जयपुर। पिछले साल बाढ़ के हालात देख चुके पश्चिमी राजस्थान में इस मानसून भी जमकर झमाझम होगी। मौसम विज्ञान विभाग की मानें तो इस मानसून कुछ इलाके जलमग्न हो सकते हैं। अभी जो साइक्लोन बन रहा है वह यही संकेत दे रहा है कि मानसून 27 जून के असपास राजस्थान में प्रवेश करेगा। पिछले साल 2 जुलाई को राजस्थान में प्रवेश करने के बावजूद सामान्य से 41 प्रतिशत अधिक बरसात दर्ज की गई थी। राजधानी जयपुर के लिए अहम बीसलपुर बांध पर चादर चली थी और दो साल के लिए पेयजल का इंतजाम हो गया था।
खुशखबर लेकर आएगा मानसून
राजस्थान का मानसून इस बार भी खुशखबर लेकर आने वाला है। पिछले साल के मुकाबले अच्छी बरसात के संकेत मिल रहे हैं। मौसम वैज्ञानिकों का अनुमान है कि सामान्य से कई प्रतिशत अधिक बरसात दर्ज होगी। मानसूनी हवाओं का दबाव लगातार बढ़ रहा है, जिससे गर्मी का असर कम होगा, लेकिन उमस बढ़ सकती है। पिछले साल के मानसून की बात करें तो राजस्थान में सामान्य से 41 प्रतिशत ज्यादा बरसात दर्ज की गई थी।
वातावरण शुद्ध होने का असर नहीं
मौसम विभाग ने खुलासा किया है कि कोराेना के चलते पिछले ढाई माह से वाहनों का शोर थमा रहा और वातावरण शुद्ध भी हुआ और प्रदूषण के आंकड़ों में कमी दर्ज की गई। लेकिन इसका मानसून पर कोई असर नहीं पडे़गा। अभी भी जो बारिश या अंधड़ आ रहा है, वह पश्चिमी विक्षोभ का असर है ना कि वातावरण शुद्ध होने का।
काजल सिंह,संवाददाता