झारखण्ड-ऐसे में रिम्स की चिकित्सीय व्यवस्था पर सवाल तो उठेगा ही ना। बड़े-बड़े दावे तो किये जाते हैं, फिर मरीजों की जान से ऐसा खिलवाड़ क्यों। इतना ही नहीं, आश्चर्य मामले में रिम्स प्रबंधन अनजान बनते हुए पल्ला झाड़ रहा है।
गर्भवती महिला मरीज मुनिया देवी 28 वर्ष कुंडी चतरा निवासी के भाई ने बताया कि नर्स ने दो बार इंजेक्शन दिया। उसके बाद वह वहां से चली गई।
उसने बताया की उसकी बहन गर्भवती है। ऐसे में उसे डर लगा कि कहीं पेट के बच्चे को कुछ हो ना जाए, इसलिए उन्होंने इंजेक्शन दे दिया।
जानकारी के अनुसार, चतरा जिले के कुण्डी गांव की 28 वर्षीया गर्भवती महिला को एक जहरीले सांप ने काट लिया था। 30 मई को उसे लेकर परिजन इमरजेंसी पहुंचे थे।
डाॅक्टरों ने महिला का इलाज किया और सांप के जहर को काटने के लिए नर्स को हर 20 मिनट में इंजेक्शन देने को कहा।
लेकिन एक बार इंजेक्शन देने के बाद नर्स नहीं पहुंची और समय हो जाने के कारण परिजन को जान बचाने के लिए मरीज को खुद से ही इंजेक्शन देना पड़ा।
लेबर वार्ड से बाहर गर्भवती, चादर भी गंदी
गर्भवती के भाई ने बताया कि उसकी बहन को रिम्स में लाए 24 घंटे से अधिक समय हो गया है, इसके बावजूद उसे लेबर वार्ड में भर्ती नहीं किया गया है।
महिला जिस बेड पर है उस पर चादर भी नहीं दिया गया। परिजनों के कहने के बाद नर्स ने चादर तो दिया लेकिन वह भी गंदा है। ऐसे में रिम्स की व्यवस्था कैसे सुधरेगी। इस पर रिम्स अधिकारियों को भी ध्यान देने की जरूरत है। रांची: झारखंड के सबसे बड़े अस्पताल रिम्स में नर्स या डॉक्टर नहीं बल्कि परिजन ही अपने मरीज को इंजेक्शन लगा रहा है।
ऐसे में रिम्स की चिकित्सीय व्यवस्था पर सवाल तो उठेगा ही ना। बड़े-बड़े दावे तो किये जाते हैं, फिर मरीजों की जान से ऐसा खिलवाड़ क्यों। इतना ही नहीं, आश्चर्य मामले में रिम्स प्रबंधन अनजान बनते हुए पल्ला झाड़ रहा है।
गर्भवती महिला मरीज मुनिया देवी 28 वर्ष कुंडी चतरा निवासी के भाई ने बताया कि नर्स ने दो बार इंजेक्शन दिया। उसके बाद वह वहां से चली गई।
उसने बताया की उसकी बहन गर्भवती है। ऐसे में उसे डर लगा कि कहीं पेट के बच्चे को कुछ हो ना जाए, इसलिए उन्होंने इंजेक्शन दे दिया।
जानकारी के अनुसार, चतरा जिले के कुण्डी गांव की 28 वर्षीया गर्भवती महिला को एक जहरीले सांप ने काट लिया था। 30 मई को उसे लेकर परिजन इमरजेंसी पहुंचे थे।
डाॅक्टरों ने महिला का इलाज किया और सांप के जहर को काटने के लिए नर्स को हर 20 मिनट में इंजेक्शन देने को कहा।
लेकिन एक बार इंजेक्शन देने के बाद नर्स नहीं पहुंची और समय हो जाने के कारण परिजन को जान बचाने के लिए मरीज को खुद से ही इंजेक्शन देना पड़ा।
लेबर वार्ड से बाहर गर्भवती, चादर भी गंदी
गर्भवती के भाई ने बताया कि उसकी बहन को रिम्स में लाए 24 घंटे से अधिक समय हो गया है, इसके बावजूद उसे लेबर वार्ड में भर्ती नहीं किया गया है।
महिला जिस बेड पर है उस पर चादर भी नहीं दिया गया। परिजनों के कहने के बाद नर्स ने चादर तो दिया लेकिन वह भी गंदा है। ऐसे में रिम्स की व्यवस्था कैसे सुधरेगी। इस पर रिम्स अधिकारियों को भी ध्यान देने की जरूरत है।रांची: झारखंड के सबसे बड़े अस्पताल रिम्स में नर्स या डॉक्टर नहीं बल्कि परिजन ही अपने मरीज को इंजेक्शन लगा रहा है।
ऐसे में रिम्स की चिकित्सीय व्यवस्था पर सवाल तो उठेगा ही ना। बड़े-बड़े दावे तो किये जाते हैं, फिर मरीजों की जान से ऐसा खिलवाड़ क्यों। इतना ही नहीं, आश्चर्य मामले में रिम्स प्रबंधन अनजान बनते हुए पल्ला झाड़ रहा है।
गर्भवती महिला मरीज मुनिया देवी 28 वर्ष कुंडी चतरा निवासी के भाई ने बताया कि नर्स ने दो बार इंजेक्शन दिया। उसके बाद वह वहां से चली गई।
उसने बताया की उसकी बहन गर्भवती है। ऐसे में उसे डर लगा कि कहीं पेट के बच्चे को कुछ हो ना जाए, इसलिए उन्होंने इंजेक्शन दे दिया।
जानकारी के अनुसार, चतरा जिले के कुण्डी गांव की 28 वर्षीया गर्भवती महिला को एक जहरीले सांप ने काट लिया था। 30 मई को उसे लेकर परिजन इमरजेंसी पहुंचे थे।
डाॅक्टरों ने महिला का इलाज किया और सांप के जहर को काटने के लिए नर्स को हर 20 मिनट में इंजेक्शन देने को कहा।
लेकिन एक बार इंजेक्शन देने के बाद नर्स नहीं पहुंची और समय हो जाने के कारण परिजन को जान बचाने के लिए मरीज को खुद से ही इंजेक्शन देना पड़ा।
लेबर वार्ड से बाहर गर्भवती, चादर भी गंदी
गर्भवती के भाई ने बताया कि उसकी बहन को रिम्स में लाए 24 घंटे से अधिक समय हो गया है, इसके बावजूद उसे लेबर वार्ड में भर्ती नहीं किया गया है।
महिला जिस बेड पर है उस पर चादर भी नहीं दिया गया। परिजनों के कहने के बाद नर्स ने चादर तो दिया लेकिन वह भी गंदा है। ऐसे में रिम्स की व्यवस्था कैसे सुधरेगी। इस पर रिम्स अधिकारियों को भी ध्यान देने की जरूरत है। अभिषेक सिंघानिया