सीएम गहलोत ने दी बड़ी राहत / प्रदेश में आज से 270 मार्गों पर 800 राेडवेज बसें चलेंगी, गुरुग्राम और हिसार के लिए भी होगा बसों का संचालन. लाॅकडाउन 5.0 के बीच मंगलवार काे मुख्यमंत्री अशोक गहलोत ने बड़ी राहत दी। राज्य सरकार ने बुधवार से प्रदेश के 270 मार्गाें पर 800 राेडवेज बसें चलाने का ऐलान किया है। खास बात यह है कि इन बसाें में पड़ाेसी राज्य हरियाणा के गुरुग्राम और हिसार के लिए भी बसें चलेंगी। मध्यप्रदेश, उत्तरप्रदेश और पंजाब सहित अन्य राज्याें के लिए भी बसें चलाने काे लेकर बातचीत जारी है। हालांकि, उत्तराखंड के लिए बसें चल रही हैं, लेकिन वे अस्थि विसर्जन के लिए विशेष अनुमति के तहत चलाई जा रही हैं।
प्रदेश में 25 मई काे राेडवेज ने 70 मार्गाें पर करीब 275 बसें चलाने की मंजूरी दी थीं। अब इन बसाें सहित कुल 800 बसाें का संचालन हाेगा। राेडवेज सीएमडी नवीन जैन ने बताया कि हिसार के लिए जयपुर के अलावा सीकर से भी बसें चलेंगी, जबकि अभी जयपुर से ही गुरुग्राम के लिए बसें चलेंगी। गुरुग्राम में भी सभी बसें इफकाे चाैक तक ही जाएंगी। सिंधी कैंप बस स्टैंड पर यात्रियों की भीड़ नहीं हो, इसके लिए छोटे शहरों के लिए ट्रांसपोर्ट नगर, दुर्गापुरा, चौमू पुलिया, 200 फीट बाईपास से बसों का संचालन होगा। यात्रियों की बस स्टैंड पर थर्मल स्क्रीनिंग हाेगी।
कोविड-19 महामारी के कारण स्थगित की गई राज्य के विभिन्न विश्वविद्यालयों और उनसे संबद्ध महाविद्यालयों, टेक्निकल यूनिवर्सिटीज व पाॅलिटेक्निक काॅलेजों की परीक्षाएं जुलाई के दूसरे सप्ताह में शुरू कराने का निर्णय लिया गया है। मुख्यमंत्री गहलाेत ने कहा कि विश्वविद्यालयों में स्नातक एवं स्नातकोत्तर पाठ्यक्रमों के अंतिम वर्ष की परीक्षाएं पहले कराई जाएं, जबकि प्रथम एवं द्वितीय वर्ष के विद्यार्थियों को प्रोविजनल रूप से अगले वर्ष में क्रमोन्नत कर दिया जाए। बाद में परिस्थितियां अनुकूल होने पर स्नातक पाठ्यक्रमों के प्रथम एवं द्वितीय वर्ष तथा स्नातकोत्तर पाठ्यक्रमों के प्रथम वर्ष की परीक्षाएं भी कराई जाएं। मंगलवार को उच्च शिक्षा और तकनीकी शिक्षा के अधिकारियों के साथ आयाेजित बैठक में मुख्यमंत्री अशोक गहलोत ने यह निर्देश दिए। संबंधित विश्वविद्यालय और तकनीकी विश्वविद्यालय इन परीक्षाओं की तिथियों का विस्तृत कार्यक्रम जारी करेंगे। मुख्यमंत्री ने कहा कि तकनीकी विश्वविद्यालयों और महाविद्यालयों में भी बीटेक, एमटेक और एमबीए पाठ्यक्रमों तथा पाॅलिटेक्निक पाठ्यक्रमों के लिए भी अन्तिम वर्ष की परीक्षाएं जुलाई माह में शुरू कराई जाएं। इन सभी पाठ्यक्रमों के पूर्ववर्ती वर्षों के विद्यार्थियों को प्रोविजनल रूप से अगले वर्ष में क्रमोन्नत कर बाद में परिस्थितियां अनुकूल होने पर इन पाठ्यक्रमों के पूर्ववर्ती वर्षाें की परीक्षाएं कराई जाएं। गहलोत ने अधिकारियों को परीक्षाओं के दौरान कोरोना महामारी के संदर्भ में जारी हैल्थ प्रोटोकाॅल की पालना सुनिश्चित करने के निर्देश दिए।
सभी परीक्षा केन्द्रों पर परीक्षार्थियों और अध्यापकों द्वारा मास्क तथा सैनिटाइजर के उपयोग की अनिवार्यता सुनिश्चित की जाए। साथ ही, विद्यार्थियों के परीक्षा केन्द्र पर आवागमन और परीक्षा के दौरान सोशल डिस्टेन्सिंग के नियम की भी सख्ती से पालना हो। उन्होंने आवश्यकता के अनुसार परीक्षा केन्द्रों की संख्या बढ़ाने का सुझाव दिया। बैठक में उच्च शिक्षा राज्य मंत्री भंवर सिंह भाटी, तकनीकी शिक्षा राज्य मंत्री डाॅ. सुभाष गर्ग, मुख्य सचिव डी.बी. गुप्ता, सचिव उच्च शिक्षा शुचि शर्मा, आयुक्त काॅलेज शिक्षा प्रदीप बोरड सहित अन्य अधिकारी उपस्थित थे। केवल अंतिम वर्ष के लिए कराई जाए परीक्षा, प्रथम एवं द्वितीय वर्ष के विद्यार्थियों को प्रोविजनल रूप से अगले वर्ष में क्रमोन्नत कर दिया जाए.
काजल सिंह, संवाददाता