रांची : 19 जून को झारखंड के दो राज्य सभा की सीटों के लिए चुनाव होना तय कर दिया गया है. तीस विधायकों वाली जेएमएम के प्रत्याशी शिबू सोरेन का राज्यसभा चुना जाना लगभग तय है. लेकिन दूसरे सीट के लिए सत्ता पक्ष खासकर लड़ाई कांग्रेस और बीजेपी प्रत्याशी के बीच है.
19 जून को जब झारखंड के दो राज्यसभा सीटों के लिए वोटिंग होगी तो क्या BJP के मौजूदा प्रदेशाध्यक्ष दीपक प्रकाश राज्यसभा के लिए चूने जायेंगे या उन्हें कांग्रेस के राज्य सभा प्रत्याशी शहजादा अनवर मात देंगे? झारखंड में राज्य सभा चुनाव काफ़ी सियासी रोमांच पैदा करता है. वहां वोटिंग के दरम्यान हार जीत का अंतर प्वाइंट में तय किए जाते हैं. आपको झारखंड का पिछला राज्यसभा का चुनाव याद है ना, जब JMM के प्रत्याशी सीता सोरेन को BJP के प्रत्याशी महेश पोद्दार ने हैरतअंगेज तरीक़े से पटखनी दी थी. और कैसे कांग्रेस के राज्यसभा प्रत्याशी धीरज साहू ने BJP के दूसरे प्रत्याशी को प्वाइंट के अंतर से निर्णायक मात दी थी.
अब हम आपको झारखंड राज्य सभा में वोटिंग का गणित समझते हैं. झारखंड में विधानसभा की कुल संख्या 81 है. जिसमें एक विधायक को वोटिंग का अधिकार नहीं है. बाक़ी बचे 80 विधायकों में से धनबाद के बेरमो से कांग्रेस के मौजूदा विधायक राजेंद्र सिंह के निधन के बाद कुल संख्या 79 रह गई है. राज्यसभा चुनाव में कुल तीन प्रत्याशी हैं और एक प्रत्याशी को जीत के लिए कम से कम 26 विधायकों का समर्थन ज़रूरी है. ऐसे में आंकड़ों के लिहाज़ से JMM के प्रत्याशी गुरुजी यानी शिबू सोरेन की जीत तय है, तो BJP प्रत्याशी प्रदेशाध्यक्ष दीपक प्रकाश भी आंकड़ों के लिहाज़ से सेफ़ ज़ोन में दिख रहे हैं. जबकि कांग्रेस प्रत्याशी शहज़ादा अनवर के पास कांग्रेस के 15 विधायक और JVM के दो विधायकों के विलय के बाद कुल 17 विधायक के साथ और पांच ग़ैर बीजेपी और जेएमएम विधायकों के समर्थन का कांग्रेस दावा कर रही है. 8 जून को कांग्रेस विधायक दल की बैठक है और उसमें राज्य सभा की रणनीति पर चर्चा होनी है.
हेमंत सरकार ने बीते तीन साल के भीतर झारखंड के जल संसाधन मंत्रालय के सभी टेंडरों की जांच करने का आदेश दिया है. राजनीति के जानकार मानते हैं कि JMM का यह एक राजनीतिक दाव है जिससे दो विधायकों वाली आजसू को मोल-तोल के टेबल पर लाया जा सके. मतलब साफ़ है कि राज्यसभा चुनाव में साम, दाम, दंड, भेद का राजनीतिक मुज़ायरा अभी बाक़ी है. अभिषेक सिंघानिया