दिल्ली,
महामारी कोरोना के कारण पूरे देश में लॉकडाउन है और इसी बीच भारतीय जनता पार्टी (बीजेपी) बिहार में वर्चुअल रैली को अंजाम दे रही है। बता दें कि केंद्रीय गृह मंत्री और भारतीय जनता पार्टी के पूर्व अध्यक्ष अमित शाह अपनी पार्टी के लिए बिहार में पहली वर्चुअल रैली ‘बिहार जनसंवाद’ को संबोधित किया है।
अमित शाह ने यहां साफ कहा है कि – “बिहार में नीतीश कुमार के नेतृत्व में दो-तिहाई बहुमत से सरकार बनेगी। अब लालटेन से LED का समय आ गया है, लेकिन ये चुनावी सभा नहीं है, हमारा उद्देश्य देश के लोगों को जोड़ना है और कोरोना के खिलाफ एक जुटकर होकर लड़ना है”…
आगे अमित शाह कहते हैं कि जनता कर्फ्यू भारत के लोकतांत्रिक इतिहास के अंदर स्वर्णिम अक्षरों में लिखा जाएगा कि देश के एक नेता की अपील पर कोई पुलिस बल प्रयोग किए बगैर पूरे देश ने घर के अंदर रहकर अपने नेता की अपील का सम्मान किया है फिर चाहे उन्होंने थाली और घंटी बजाने को कहा, चाहे दीया जलाने को कहा, चाहे सेना के जवानों द्वारा आकाश से कोरोना वॉरियर्स पर फूल बरसाने की बात हो, ये सब पीएम की अपील ही थी… कुछ लोगों ने इसे राजनीतिक प्रोपेगेंडा कहा, मगर जो कह रहे हैं उनको ये मालूम नहीं है कि ये राजनीतिक प्रोपेगेंडा नहीं है बल्कि ये देश को एक बनाने की मुहिम है।
यही हीं, वीडियो कॉन्फ्रेंसिंग के जरिए अमित शाह आगे कहते हैं कि मोदी सरकार ने छह साल के अंदर करोड़ों गरीबों के जीवन में प्रकाश लाने का एक प्रयास किया है, जिसका सबसे बड़ा फायदा अगर किसी को हुआ है तो वो मेरे पूर्वी भारत के लोगों को हुआ है। आवास, बिजली, बैंक खाते, स्वास्थ्य सेवाएं, गैस सिलेंडर, शौचालय, ये सब तो मोदी सरकार 2014-2019 तक के कार्यकाल में ही दे चुकी थी… 2019 में मोदी सरकार ने जल शक्ति मंत्रालय गठित करके देश के 25 करोड़ लोगों के घर में नल से शुद्ध जल पहुंचाने की योजना शुरू की।
और तो और अमित शाह ने विपक्ष पर हमला बोलते हुए कहा कि राहुल गांधी हमेशा कहते थे कि किसानों का कर्ज माफ करो। 10 साल उनकी सरकार रही थी, तो वो दावा करते हैं कि करीब 3 करोड़ किसानों का 60 हजार करोड़ रुपये का कर्ज माफ किया। उन्होंने कहा कि – पीएम मोदी ने किसान सम्मान निधि के माध्यम से 9.5 करोड़ किसानों के बैंक खाते में 72,000 करोड़ रुपये हर साल डालने की व्यवस्था की।
गौरतलब है कि आरसीईपी की चर्चा कांग्रेस शुरू करके गई थी… जिसकी वजह से छोटे किसान, मछुवारे, छोटे कारोबारी, छोटे उद्योग ये सब तबाह हो जाते, लेकिन प्रधानमंत्री ने छोटे किसानों, छोटे व्यापारियों के हित में दृढ़ता से फैसला लेते हुए आरसीईपी समझौते से भारत को अलग कर लिया है।
अमित शाह की मानें तो आजादी के बाद जब कांग्रेस पार्टी की नेता इंदिरा गांधी ने आपातकाल लगाकर लोकतंत्र का गला घोटने का प्रयास किया तब बिहार की जनता ने ही जेपी आंदोलन करके फिर से एक बार लोकतंत्र को स्थापित करने का काम कर लिया है।
बताते चलें कि अमित शाह ने कहा कि – बीजेपी की सरकार गरीबों की सरकार है। बिहार की धरती ने ही पहली बार दुनिया को लोकतंत्र का अनुभव कराया… जहां महान मगध साम्राज्य की नींव डाली गई। इस भूमि ने हमेशा भारत का नेतृत्व किया है… इस रैली का चुनाव से कोई संबंध नहीं है। भाजपा लोकतंत्र में विश्वास रखती है। यह रैली जनता को कोरोना के खिलाफ जंग में जोड़ने और उनके हौसले बुलंद करने के लिए है।
प्रिया सिन्हा