मुजफ्फरपुर-में इब्राहीम पुर पंचायत बिरहीमा गांव निवासी राकेश कुमार सिंह इन्साफ के लिए दर बदर की ठोकरें खा रहे हैं पर शायद इस जमाने में इन्साफ मिलना बहुत ही कठिन हो गया है इनके लिए अब तक इन्होंने जीला कलक्टर से थाने तक दौड़ दौड़ कर अपना समय जीतना गंवा चुके हैं उतना बहुत ही कम लोग गंवाय होंगे दर असल कुछ दबंग लोगों और प्रशासन के मिली भगत के कारणों से
राकेश कुमार सिंह के बाबा ने अपना जमीन ग्रामीण विद्यालय के लिए दान में दिए उस जमीन पर सरकारी विधालय बना और कुछ जमीन पर सुगरीया मेला लगता है जीसमे एक कमीटी गठन हुआ है उस कमीटी में सीफ्र वहां के दबंग लोग ही है जो लाखों की कमाई और हेरा फेरी करते हैं जीसकी सुचना जीला कलक्टर को पिछले तीन साल से लिखीत आवेदन दे देकर थक चुके हैं और आय दिन उनके उपर हमला हो रही है कभी दबंगों द्वारा तो कभी प्रशासन के द्वारा विगत महीने में 17 म ई को संजय सिंह और चार पांच आदमी मिल कर राकेश कुमार सिंह पर उनके दरवाजे पर ही देशी कट्टा ले कर पहुंचे गाली गलौज करने लगे मारे भी मोटरसाइकिल को तोड़ दिया लोग और कम्पलेन वापस लेने के लिए बोला लोग जान से मारने की धमकी देते हुए चला गया सब तो फिर राकेश कुमार ने वणूराज थाना में आवेदन देकर वास्तु इसथिती बताया लेकिन थाना प्रभारी केश दर्ज नहीं किय जब चार पांच दिन तक उन लोगों के धमकाने पर राकेश कुमार जब मिडिया के लोगों से सहायता मांगने पर 26 मई को केश दर्ज किये थाना प्रभारी और फिर 5 जून को इन्स्पेक्टर साहब सुपरीभीजन किय और 6 जून को गवाह ले कर बुलाय फिर 7 जून को रात्रि में 9 बजे वणूराज थाना पुलिस राकेश कुमार के घर छापा मारती हैं कि तुम दारू का कारोबार करते हो जब कि राकेश कुमार सिंह और उनकी बुढ़ी मां घर पर रहते है अब प्रशासन खुद साबित कर रही है कि किस के इशारे पर चलती है और अब अपने आप को आत्मदाह करने के लिए मजबूर हो गए हैं राकेश कुमार सिंह|
सतीस मिश्रा