दरभंगा,
जिले का बहेड़ी प्रखण्ड एक बार फिर सुर्खियों में आने वाला है। क्षेत्र के चकवा भरवाड़ी पंचायत अंतर्गत जखड़ा गांव निवासी मुकेश कुमार सिंह काले धान की खेती कर रहे हैं।उनका प्रयोग सफल रहा तो बिहार का नाम फिर से रौशन होगा।
मुकेश ने पिछले वर्ष काले गेंहू की खेती कर जिला ही नहीं बल्कि पूरे राज्य का ध्यान अपनी तरफ आकर्षित कर लिया था। काले गेहूं की खेती में अच्छा उत्पादन देकर उन्होंने इसकी खेती के प्रसार का मार्ग प्रशस्त किया। दूसरे किसानों के लिए वह प्रेरणास्रोत बन गए।
मिथिलांचल सहित पूरे बिहार के लिए एक चर्चा का विषय बन गया काले गेहूं की खेती। उत्साहित मुकेश रूकने वाले नहीं हैं। इस वर्ष उन्होंने काले धान की खेती करने की ठानी है। उन्होंने इसके लिए काले धान की बीज की बुआई भी कर ली है।
मुकेश को काला गेहूं उपजाने के लिए उत्साहित करने वाले कृषि विभाग के उद्यान पदाधिकारी विकास कुमार सिंह आज पश्चिम चंपारण में कार्यरत हैं। लेकिन इस किसान का उनसे बराबर संपर्क बना हुआ है।उनके ही प्रेरणा जगाने और सहयोग से मुकेश काले धान की खेती कर रहे हैं।
किसान मुकेश कुमार सिंह का कहना है कि विकास कुमार सिंह के माध्यम से काले चावल का बीज भी उपलब्ध कराया गया है और काले धान का बिचड़ा भी तैयार हो रहा है।
मुकेश ने इस संवाददाता को बताया कि काले चावल में कई औषधीय गुण पाए जाते हैं। काले चावल का सेवन मोटापा, हृदय रोग, मधुमेह के लिए काफी गुणकारी माना जा रहा है।उनका सपना है कि अधिक से अधिक किसान इसकी खेती में आगे आएं ताकि बिहार के आमजन तक यह आसानी से उपलब्ध हो सके। किसानों को अधिक मुनाफा तो होगा ही साथ ही लोगों की कई तरह की बीमारी से लड़ने की क्षमता में बढ़ोत्तरी होगी। सरकार को चाहिए कि ऐसे किसानों में आत्मविश्वास जगाने और काले धान के उत्पादन बढ़ाने के लिए कोई ठोस लाभकारी योजना लेकर सामने आए।वही किसान मुकेश कुमार सिंह के उत्साह को देखते हुए डॉ दिव्यांसु शेखर अध्यक्ष कृषि विज्ञान केंद्र जाले, दरभंगा ने सम्पर्क कर उन्हें खेती में हर सम्भव मदद करने का भरोसा दिया और मिट्टी जांच हेतु गाड़ी भेज कर गांव जखरा से मिट्टी जांच हेतु लिया गया।
मोहन चन्द्रवंशी संवाददाता