नेता प्रतिपक्ष तेजस्वी यादव अपने ही मुंह के बल गिरने वाला एजेंडा सेट करके बिहार की राजनीति में अपनी उपस्थिति दर्शाने के लिए सिर्फ राजनीतिक ड्रामा कर रहे हैं। क्योंकि बिहार की जनता के साथ साथ महागठबंधन के घटक दलों ने भी इनके नेतृत्व को नकार दिया है।
राष्ट्रपिता महात्मा गांधी ने सात सामाजिक पाप कर्म की बात कही है जिसमें नेता प्रतिपक्ष 5 सामाजिक पाप कर्म जिसमें सिद्धांत के बिना राजनीत, काम के बिना धन, विवेक के बिना सुख, चरित्र के बिना ज्ञान, तथा नैतिकता के बिना व्यापार जैसे कर्मों से ओत प्रोत है।
तेजस्वी यादव ने यादव थाली एवं ताली पीटने के बाद अब ढोल पीटने की बात कही है, इन्हें पता होना चाहिए कि यह अपने ही क्रियाकलापों के कारण बहुत ही जल्द अपना माथा पिटते दिखेंगे।
बिहार में जब-जब आपदा का समय रहा है तेजस्वी यादव बिहार से बाहर लापता रहे हैं । पहले यह अपने गोपनीय ठिकानों को बताएं उनके ठिकानों को पहचान करने के लिए बिहार की जनता आतुर है। तेजस्वी यादव को माननीय मुख्यमंत्री श्री नीतीश कुमार जी एवं उनके द्वारा किए जा रहे कार्य दिखाई कैसे देंगे इनके लालटेन की रौशनी अब पूरी तरह से बुझ चुकी है। जिसने बिहार में सिर्फ अंधेरा फैलाने का काम किया हो उसे बिहार की जनता से राजनीतिक अंधकार के अलावा और कुछ नहीं मिलने वाला है।
संजय कुमार