पटना. बिहार में मानसून के आने के साथ ही डेंगू (Dengue Disease) का खतरा मंडराने लगता है. मानसून के कारण बिहार के कई जिलों में डेंगू महामारी का रूप ले लेती है. बारिश (Rain In Bihar) के कारण होने वाले जलजमाव से पैदा होने वाली बीमारियों में सबसे प्रमुख डेंगू है, जिससे हर साल कई जाने जाती है. इस मानसून (Monsoon) में इसके फैलने की संभावना को देखते हुए राज्य सरकार ने सूबे के सभी जिलों में स्थित जिला और सदर अस्पताल में डेंगू वार्ड बनाने का आदेश जारी किया है.सभी जिला अस्पतालों में डेंगू के लिए 5 बेड रिजर्व, स्वास्थ्य विभाग ने निर्देश दिया है कि सभी जिला अस्पतालों में डेंगू के मरीजों के लिए अलग से वार्ड बनाया जाए. डेंगू के मरीजों के लिए 5-5 बेड की व्यवस्था मच्छरदानी सहित की जाएगी. इसके साथ ही जिला अस्पतालों में पैरासिटामोल और स्लाइन की उपलब्धता सुनिश्चित करायी गयी है. डेंगू के सामान्य मरीजों का इलाज इन्हीं से होता है. डेंगू के गंभीर मरीजों का इलाज राज्य के छः मेडिकल कॉलेज अस्पतालों और आरएमआरआई, पटना, आईजीआइएमएस और एम्स पटना में किया जाएगा. इन अस्पतालों में डेंगू के जांच की भी सुविधा है.डेंगू से सबसे अधिक प्रभावित होने वाले जिले डेंगू से बिहार के 16 जिले सबसे अधिक प्रभावित होते हैं जिसमें पटना सबसे अव्वल है. जानकारी के अनुसार बिहार में पिछले वर्ष कुल 6667 डेंगू के मामले सामने आए थे. इनमें पटना में भारी जलजमाव के कारण सबसे अधिक 4905 मरीज पाए गए थे. अन्य जिलों में भी डेंगू के मरीज सामने आए थे. इस वर्ष अभी डेंगू का कोई मरीज सामने नहीं आया है. विभाग ने डेंगू प्रभावित 16 प्रमुख जिलों को चिन्हित किया है जिनमें पटना, भागलपुर, मुजफ्फरपुर, नालंदा, वैशाली, समस्तीपुर, औरंगाबाद, भोजपुर, दरभंगा, जहानाबाद, नवादा, पूर्णिया, सारण, सीतामढ़ी, सीवान और मधुबनी शामिल हैं.
विकास कुमार सिंह, सब एडिटर