मजदूरों को भुगतान नहीं मिलने से नहीं बंद किया स्विस गेट ,शहर में बाढ़ का खतरा. जल संसाधन विभाग के द्वारा मौसमी मजदूर गार्ड का पिछले वर्ष का भुगतान नहीं करने पर मौसमी मजदूरों ने स्विस गेट को देख रेख व बंद करने से मना कर दिया हैं। क्योंकि इनका पिछले वर्ष का भुगतान नहीं हो पाया है यह चिंता का विषय है। शहर में एकमी से मब्बी तक 27 से 28 स्विस गेट है जिसे नदी का जलस्तर बढ़ने से उसे गिरा दिया जाता हैं। कई वार्ड जैसे 30, 31, 32,22, 24, सहित अन्य वार्डो में स्विस गेट बने हुए हैं। लेकिन इन लोगों का भुगतान नहीं होने के कारण इन लोगों का काम पर नहीं आना और स्विस गेट की देखरेख नहीं करना यह शहर के मुख्य चिंता का विषय है जल संसाधन विभाग को इस को जल्द से जल्द इनकी भुगतान करा कर इनको पुनः काम पर लाना चाहिए ताकि बाढ़ से शहर को बचाया जा सके और इन लोगों का योगदान बाढ़ के समय 24 घंटे मौजूद रहते है। नदी में पानी बढ़ने पर पानी में जाकर उन सभी स्विस गेटों को बंद करने का काम किया करते हैं। जुम्मन खान,मो हाशिम,मो सगीर,शिबू महतो,जाहिद खान,
जावेद खान ये सभी स्विस गेट व बांध की निगरानी का काम करते हैं। इन लोगों को बाढ़ के समय विशेष रूप से बांध की देख रेख के लिए दिए जाते हैं प्रतिदिन के हिसाब से प्रति मजदूर को 268 रूपया प्रति मजदूर को प्रतिदिन के हिसाब से दिया जाता है। जो के पिछले साल के साढ़े तीन महीना का भुगतान की बाकी राशि का भुगतान नहीं होने से ये सभी 6 मौसमी मजदूर काम करने से इनकार कर रहे हैं। इनका कहना है जबतक पिछले राशि का भुगतान नही किया जाता है काम नही करेंगे। वही पूर्व पार्षद सह पार्षद पति वार्ड 30 नफिसुल हक (रिंकू) ने कहा अगर बाढ़ के समय ये लोग बाढ़ की देखरेख व स्विस गेटों को समय पर खोला या बन्द नही किया जाता हैं तो समस्याओं से फिर कैसे समाधान होगा । समय रहते इनकी बातो सुने विभाग व बाढ़ के खतरे को देखते हुए कोई समाधान निकाला जाए।
इन मौसमी मजदूरों के हाथों कई वार्डो में पड़ने वाले स्विस गेटों की खास जिम्मेदारी सौंपी जाती है। कई दर्जनों स्विस गेट बागमती नदी से जुड़ी हुई है जिसे नदी में पानी बढ़ते ही बंद किया जाता है। वही इन स्विस गेटों के देख भाल की भी जिम्मेदारी होती है। नही में बाढ़ के खतरे को देखते हुए विशेष ध्यान रखना होता है। रात के समय बाँध की निगरानी भी इन्ही दैनिक मौसमी मजदूरों के हाथों में होती है। वही समय समय पर नदी बाँध के चेक करने का भी काम करते हैं। समय पर विभाग को सही जानकारी उपलब्ध कराने का काम भी करते है।
नासिर हुसैन, संवादाता. दरभंगा