विदुषी देवियों व विद्वान सज्जनों !
‘कोरोना’ के कारण उत्पन्न हुई समस्याओं ने एक ओर जहाँ हमारी गतिविधियों को प्रभावित किया है, वहीं सम्प्रेषण के नवीन मार्गों को भी प्रशस्त किया है! हमें घरों में बिठा कर रखा है तो ‘फ़ेसबुक लाइव’ जैसे संचार के मार्ग भी सुझाएँ हैं! यह तकनीक पूरे संसार में बहुत ही प्रभावी और लोकप्रिय सिद्ध हुई है और एक बड़ा मंच भी प्रदान कर रही है! सुधीजनों के परामर्श पर बिहार हिन्दी साहित्य सम्मेलन भी अपना एक फेशबुक- पटल आरम्भ करने का निर्णय लिया है! इसका आरम्भ प्रथम जुलाई से होने जा रहा है। प्रत्येक दिन संध्या ६ बजे से सात बजे तक, देश को कोई न कोई विदुषी अथवा विद्वान आपके समक्ष उपस्थित होंगे और अपने विचारों तथा काव्य-पाठ से आपका रंजन करेंगे! मित्रों के आदेश से प्रथम दिन, १ जुलाई को, मैं स्वयं उपस्थित होकर आप सबकी वंदना करना चाहूँगा ! कृपया संध्या ६ बजे निम्नलिखित लिंक के साथ मुझसे जुड़ने की कृपा करें! अनुगृहीत रहूँगा : डा अनिल सुलभ
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