प्रधानमंत्री जी आपको पूर्ण रूप से पता हैं, देश क्या हैं और देश की परिभाषा पता हैं, आपका जन्म देश को बदलने और चाणक्य के इतिहास को दुहराने के लिये हुआ हैं, आप अजेय है. प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी मंगलवार शाम 4 बजे राष्ट्र के नाम संबोधन देंगे. प्रधानमंत्री कार्यालय ने सोमवार को यह जानकारी दी. बता दें पीएम मोदी का ये संबोधन ऐसे समय होने जा रहा है जब देश में कोरोना वायरस ( के मामले 5 लाख से ज्यादा हो चुके हैं और भारत-चीन के बीच सीमा पर विवाद जारी है. देश में एक जुलाई से अनलॉक का दूसरा चरण शुरू होने जा रहा है ऐसे में पीएम मोदी का देश के नाम ये संबोधन भी महत्वपूर्ण होने वाला है. प्रधानमंत्री मोदी ने अनलॉक का पहला चरण शुरू होने बाद इंडियन चैंबर ऑफ कॉमर्स के एक कार्यक्रम में शामिल होकर देश को संदेश दिया था. इसके बाद प्रधानमंत्री अंतर्राष्ट्रीय योग दिवस के मौके पर 21 जून को भी लोगों को संबोधित कर चुके हैं.बता दें देश में कोरोना वायरस का प्रकोप फैलने के बाद पीएम मोदी का ये देश के नाम छठा संबोधन होगा. पिछली बार पीएम मोदी ने 12 मई को राष्ट्र के नाम संबोधन दिया था जिसमें उन्होंने 20 लाख करोड़ रुपये के आर्थिक पैकेज का ऐलान किया था. इससे पूर्व 14 अप्रैल को पीएम ने अपने संबोधन में लॉकडाउन के दूसरे चरण की घोषणा की थी. वहीं 3 अप्रैल को पीएम मोदी ने एक वीडियो संदेश जारी कर लोगों से दीये जलाने की अपील की थी. पीएम मोदी ने कोरोना वायरस के मद्देनजर लगाए गए लॉकडाउन की घोषणा करने के लिए 24 मार्च को देश को संबोधित किया था. 19 मार्च को प्रधानमंत्री ने इस संकट के बाद अपने पहले संबोधन में देश में एक दिन के जनता कर्फ्यू का ऐलान किया था.मन की बात में पीएम मोदी ने कही थी ये बातें
पीएम मोदी ने रविवार को अपने मासिक रेडियो प्रोग्राम ‘मन की बात’ के जरिए भी देश के लोगों के साथ अपने विचार साझा किये थे. प्रधानमंत्री मोदी कहा कि भारत ने हमेशा से संकटों को सफलता की सीढ़ियों में परिवर्तित किया है, आपदाओं तथा चुनौतियों पर जीत हासिल की है और वह पहले से भी ज्यादा निखरकर निकला है. पीएम ने उम्मीद जताई कि तमाम चुनौतियों के बावजूद देश इसी साल नए लक्ष्य प्राप्त करेगा, नई उड़ान भरेगा और नई ऊंचाइयों को छुएगा.किसी ने सोचा नहीं था इतनी लंबी चलेगी कोरोना से लड़ाई’.कोरोना वैश्विक महामारी को संपूर्ण ‘मानव जाति’ पर आया ‘संकट’ करार देते हुए प्रधानमंत्री ने कहा कि जब छह-सात महीने पहले यह संकट आया था तब किसी को पता नहीं था कि इसके खिलाफ़ चल रही लड़ाई इतनी लंबी चलेगी. उन्होंने कहा, ये संकट तो बना ही हुआ है, ऊपर से देश में नित नई चुनौतियां सामने आती जा रही हैं. अभी कुछ दिन पहले, देश के पूर्वी छोर पर चक्रवात अम्फान आया तो पश्चिमी छोर पर चक्रवात निसर्ग आया. कितने ही राज्यों में हमारे किसान भाई–बहन टिड्डी दल के हमले से परेशान हैं और कुछ नहीं तो देश के कई हिस्सों में छोटे-छोटे भूकंप रुकने का ही नाम नहीं ले रहे हैं.यह मेरे निजी विचार है की,हमारे गुरूजी अकसर बोलते हैँ की ये देवी देवतावों का देश हैँ और जब भारत माता को आवश्यकता होता हैँ तो भरत का जन्म होता हैँ, मुझे लगता हैँ ओही “भरत” हैँ आप.
कौशलेन्द्र पाण्डेय, संपादक.