गलवान जैसी हिंसक झड़प नहीं दोहराई जाएगी, भारत-चीन में इस फॉर्मूले पर बनी सहमति: पूर्वी लद्दाख में भारत और चीन के बीच वास्तविक नियंत्रण रेखा पर गतिरोध बरकरार है. इस बीच कहा जा रहा है कि दोनों पक्षों के बीच बातचीत के जरिए तनाव कम करने के लिए कई मद्दों पर सहमति बनी है. चीन की सरकारी अखबार ग्लोबल टाइम्स ने दावा किया है कि दोनों देश चरणबद्ध तरीके से सैनिकों को हटाने के लिए तैयार हैं. इसके अलावा इस बात पर भी सहमति बनी है कि गलवान जैसी हिंसक झड़प फिर से नहीं दोहराई जाएगी.इन मुद्दों पर बनी बात.30 जून को दोनों देशों के बीच मतभेद को सुलझाने के लिए कोर कमांडर लेवल की बातचीत हुई. लेकिन इसका कोई ठोस नतीजा नहीं निकला. इस बातचीत में चीन के कोर कमांडर मेजर जनरल लिउ लिन और भारत के कोर कमांडर लेफ्टिनेंट जनरल हरेंदर सिंह के बीच करीब 12 घंटों तक बातचीत हुई. मीडिया रिपोर्ट्स के मुताबिक दोनों देश ने 15 जून जैसी खूनी भिड़ंत फिर ना करने पर सहमति बनाई है.चरणबद्ध तरीके से सैनिकों को हटाने पर सहमति.ये भी कहा जा रहा है कि 72 घंटों तक दोनों पक्ष एक दूसरे पर निगरानी रखेंगे. उधर चीन के सरकारी अखबार ग्लोबल टाइम्स ने दावा किया है कि भारत और चीन LAC पर तनाव कम करने पर सहमत हो गए हैं. दोनों देशों में चरणबद्ध तरीके से सैनिकों को हटाने पर भी सहमति बन गई है. हालांकि भारत की तरफ से इस बात पर अभी तक कोई पुष्टि नहीं हुई है. इससे पहले 22 जून की बैठक में भी सीमा से सैनिकों को हटाने की बात हुई थी. लेकिन 8 दिन बाद भी हालात में कोई बदलाव नहीं हुआ.कई इलाकों को लेकर मतभेद.दोनों देशों के बीच कई मसलों पर सहमति नहीं बन पा रही है. चीन गलवान घाटी से हटने को लेकर तय पैरामीटर्स पर लगभग सहमत है, मगर पैंगोंग झील के पास से दोनों सेनाएं अभी पीछे नहीं हट रही है. पैंगोंग झील से भारतीय सेना पीछे हटना नहीं चाहती है. भारतीय सेना फिंगर-4 में है, यह इलाका हमेशा से भारत के कंट्रोल में रहा है. भारत ने फिंगर-8 पर एलएसी होने का दावा किया है. ऐसे में मंगलवार को चुशूल में भारत और चीन की सेनाओं के बीच कोर कमांडर-स्तर की बैठक का भी कोई नतीजा नहीं निकल सका है.
धीरेन्द्र वर्मा की रिपोर्ट.