फार्मासिस्ट और एएनएम की अनिश्चितकालीन हड़ताल नौवें दिन भी जारी. राष्ट्रीय बाल स्वास्थ्य कार्यक्रम (आरबीएसके) के तहत कार्यरत फार्मासिस्ट और एएनएम की अनिश्चितकालीन हड़ताल नौंवे दिन भी जारी रहा। इसके लिए पहले हड़ताली कर्मी 14 दिनों तक क्वारांटाइन थे। हड़तालियों का दावा है कि उनके हड़ताल से आरबीएसके पर पूरे बिहार में बुरा असर पड़ रहा है और यह ठप पड़ गया है। किसी बच्चे की जांच नहीं हो पा रही है, जबकि अनलॉक -1 में बच्चों के स्वास्थ्य की सघन जांच होनी थी। हड़ताली कर्मचारियों ने छह जुलाई को पूरे प्रदेश में सिविल सर्जन कार्यालय का घेराव भी किया। गौरतलब है कि हड़ताली फॉर्मासिस्ट और एएनएम की मांग है कि आरबीएसके आयुष डॉक्टर का मानदेय जब कोविड-19 में बढ़ाया जा सकता है तो फिर इनके मानदेय को क्यों नहीं बढ़ाया जा सकता। अखिल भारतीय फार्मासिस्ट एसोसिएशन के महासचिव राजीव कुमार सिन्हा एवं बिहार आरबीएसके एनम संघ के महासचिव उषा कुमारी के मुताबिक सरकार कीे नजर में जब सभी डॉक्टर एक समान है तो फिर सभी फार्मासिस्ट एवं एएनएम एक समान क्यों नहीं। अपने इसी मांग को लेकर ये लोग नाराज चल रहे हैंं। राजीव सिन्हा और उषा कुमारी ने बताया कि जब तक सरकार इनका मानदेय 37000 रुपए नहीं कर देती, तब तक यह लोग हड़ताल पर रहेंगे। यदि उनकी मांगें नहीं मानी गई तो वो लोग भूख हड़ताल भी करेंगे।
कौशलेन्द्र पाराशर, विशेष संवाददाता