हड़ताली फार्मासिस्ट और एएनएम ने मानदेय बढ़ाने के लिए किया प्रदर्शन.राष्ट्रीय बाल सुरक्षा कार्यक्रम(आरबीएसके) के तहत कार्यरत फार्मासिस्ट और एएनएम बुधवार को पूरे राज्य से पटना के बापू सभागार के आगे जुटे। यहां इनलोगों ने सोशल डिस्टेंसिंग का पालन करते हुए अपना विरोध दर्ज कराया। इनकी मांग है कि इनका भी आयुष चिकित्सकों की तरह मानदेय बढ़ाया जाए।
मौके पर मौजूद अखिल भारतीय फार्मासिस्ट एसोसिएशन के महासचिव राजीव कुमार सिन्हा ने कहा कि हमलोगों ने स्वास्थ्य विभाग को इस संबंध में ज्ञापन सौंपा था। लेकिन संबंधित लोग न तो लिखित आश्वासन दे रहे हैँ और खुलकर कुछ बोल रहे हैं। वहीं संतोष कुमार ने कहा कि हमलोग की मांग बस इतनी है कि जिस तरह आरबीएसके तहत कार्यरत आयुष डॉक्टरों का मानदेय संविदा पर नियुक्त एमबीबीएस डॉक्टरों के बराबर कर दिया गया है। उसी तहर हमलोगों का भी वेतन संविदा पर नियुक्त फार्मासिस्ट और एएनएम के बराबर किया जाए। आरबीएसके एएनएम संघ की महासचिव उषा कुमारी का कहना था कि आरबीएसके के तहत आयुष चिकित्सक, फार्मासिस्ट और एएनएम की बहाली एक साथ वर्ष 2015 में की गई थी। कोविड-19 जैसे महामारी के दौरान आयुष चिकित्सकों का मानदेय 20 हजार से बढ़ाकर 44 हजार रुपए कर दिया गया है और उनलोगों को ज्यों का त्यों छोड़ दिया गया। हमारी मांग है कि हमलोग का भी मानदेय बढ़ाया जाए। प्रदर्शन के बाद फार्मासिस्ट और एएनएम संघ के पदाधिकारी और सदस्यों ने आगे की रणनीति पर विचार -विमर्श किया। प्रदर्शन में विकास कुमार, मो. कैशर नसीर, जूली कुमार सहित कई फॉर्मासिस्ट और एएनएम मौजूद थीं।
रुपेश की रिपोर्ट.