अशफाक़ रहमान कहते हैं की कांग्रेस के छद्म राष्ट्रवाद और छद्म धर्मनिरपेक्षता से सबसे अधिक नुक़सान अल्पसंख्यक और दलित समाज को हुआ है.दोनों समुदाय का कांग्रेस ने समान शोषण किया है.इस शोषण के पीछे आरएसएस का ही दिमाग़ है.देश के महानायक आदरणीय सरदार बल्लभ भाई पटेल ने आरएसएस पर प्रतिबंध लगा दिया था.उन्हें किसी भी तरह की हिंसा पसंद नहीं थी.मुस्लिम हिंसा,जातीय हिंसा,हिंदू हिंसा के वह कड़े विरोधी थें.घोर विरोधी होने के कारण ही उन्होंने आरएसएस की गतिविधि पसंद नहीं थी.पटेल दार्शनिक राजनीतिज्ञ थें.गृहमंत्री रहते उन्होंने आरएसएस और उसके सभी विंग्स पर पूर्ण प्रतिबंध लगा दिया था.लेकिन पंडित जवाहर लाल नेहरु ने संभवतः मनुवादी सोच के कारण या जो भी वजह रही हो उस प्रतिबंध को हटा दिया.तो उसका ख़ामियाज़ा तो कांग्रेस को भुगतना ही पड़ेगा.यही कारण है कि उनकी (नेहरु)नस्ल से ही नेतृत्व को पप्पू-पप्पू कह कर पुकारा जाता है.पूर्व केंद्रीय मंत्री यशवंत सिन्हा के नेतृत्व वाला तीसरा मोर्चा के इकलौते मुस्लिम चेहरा अशफाक़ रहमान कहते हैं कि अल्पसंख्यक समाज को समझ लेना चाहिये कि उन्हें सिर्फ़ ठगने का काम किया गया है.बिहार में राष्ट्रीय स्तर के अल्पसंख्यक नेताओं को ज़िले का प्रभारी बना कर न सिर्फ़ उनको हैसियत में रखा गया है,बल्कि मुस्लिम समाज को भी अपमानित किया गया है.मुस्लिम समाज सब समझ रहा है कि एमएलसी चुनाव में किस प्रकार अल्पसंख्यक सीट को बदल दिया गया.जनता दल राष्ट्रवादी अल्पसंख्यकों- दलितों के राजनीतिक अधिकारों की लड़ाई लड़ रही है.हमारी पार्टी तीसरा मोर्चा को मज़बूती प्रदान कर विधानसभा चुनाव में सशक्त लड़ाई लड़ेगी और अल्पसंख्यक-दलित विरोधियों को सबक़ सिखायेगी.
विकास सिंह की रिपोर्ट.