https://www.facebook.com/groups/4126716564070048/ जिन देवियों और सज्जनों ने अब तक बिहार हिन्दी साहित्य सम्मेलन के फ़ेसबुक लाइव पृष्ठ से स्वयं को नही जोड़ा है, उन सबसे विनम्र आग्रह है कि वे ऊपर प्रेषित लिंक को दबा कर ज्वाइन कर लें, ताकि आगे के सभी सजीव कार्यक्रम को बाधा रहित देख सकें ! बहुत सारे लोग लाइव के समय जुड़ने आते हैं, उस समय सबकी स्वीकृति नही हो पाती है, क्योंकि एक एक कर प्रवेश दिया जाता है । संचालन कर रहे लोग असमंजस में रहते हैं कि वे लाइव देखें या स्वीकृति के लिए फिर से नियंत्रण क्षेत्र में जाएँ ! इस लिए विनय पूर्वक आग्रह है कि यह कार्य नेक अभी कर लें! एक बार जुड़ जाने के बाद इसकी आवश्यकता नही रहेगी : डा अनिल सुलभ.